अमरावती, पांच अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के चिकित्सकों की मांगों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आंध्र प्रदेश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक संघ(एपीपीएचसीडीए) ने पदोन्नति, भत्ते एवं वेतन में वृद्धि नहीं होने और सेवा-संबंधी एवं अन्य लंबित मांगों के पूरा नहीं होने के कारण तीन अक्टूबर से बाह्य रोगी सेवाएं देना बंद कर दिया है।
चिकित्सकों ने अगले तीन साल के लिए विशेषज्ञता वाले सभी क्षेत्रों में एक समान 15 प्रतिशत सेवा कोटा की मांग की ताकि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम करने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के चिकित्सकों के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि स्वीकार की जा सकने वाली मांगों को मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के संज्ञान में लाया जाएगा और उचित चर्चा के बाद उचित निर्णय लिए जाएंगे।
यादव ने शनिवार देर रात जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सरकार मेडिकल स्नातकोत्तर के लिए सेवा कोटा और सेवा संबंधी मांगों का सहानुभूतिपूर्वक समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं इस मामले पर मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा।’’
उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक 28 सितंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ‘‘अस्पतालों से दूर हैं’’ और 2029-30 शैक्षणिक वर्ष तक सभी चिकित्सा विशेषज्ञताओं में स्नातकोत्तर के लिए 15 प्रतिशत सेवा कोटा जारी रखने, समयबद्ध पदोन्नति, सांकेतिक वेतन वृद्धि और अन्य वित्तीय लाभों की मांग कर रहे हैं।
अधिकारियों ने यादव को बताया कि स्नातकोत्तर सेवा कोटा पर विचार कर रही एक विशेषज्ञ समिति ने पाया कि शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए शिक्षण अस्पतालों में 100 सहायक प्रोफेसर पद और माध्यमिक स्वास्थ्य निदेशालय के तहत तीन पद उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अनुसार इस वर्ष केवल 103 पदों पर कोटा लागू होना चाहिए लेकिन सरकार ने चिकित्सक संघ के अनुरोधों पर विचार करते हुए सेवाकालीन कोटे के तहत 190 सीट को मंजूरी दे दी।
उन्होंने मंत्री को बताया कि अनुमान के अनुसार, 327 चिकित्सक इस साल नवंबर तक अपने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पूरे कर लेंगे और सेवा में लौट आएंगे। इसके बाद नवंबर 2026 में 450 और नवंबर 2027 में 312 चिकित्सक सेवा में लौट आएंगे। उन्होंने कहा कि शून्य-रिक्तता नीति के तहत रिक्तियों को नियमित रूप से भरा जा रहा है जिससे वर्तमान में कोई भी पद खाली नहीं है।