हांगकांग, हांगकांग में चीन के निर्देश पर लागू किए गए नियमों के कारण लोकतंत्र समर्थक सभी उम्मीदवारों के चुनावी प्रक्रिया से दूर होने के बाद जिला परिषद चुनावों में मतदान 30 प्रतिशत से भी कम हुआ।
पूर्व ब्रितानी उपनिवेश के 1997 में चीनी शासन में लौटने के बाद से यह सबसे कम मतदान है।
सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रविवार को हुए चुनाव के दौरान 43 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से 27.5 प्रतिशत ने मतदान किया। इससे पहले 2019 में जब सरकार विरोधी प्रदर्शन चरम पर थे, उस समय हुए चुनाव में रिकॉर्ड 71.2 प्रतिशत मतदान हुआ था। लोकतंत्र समर्थक खेमे ने इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी।
इस बार चुनाव में जिला परिषदों पर बीजिंग के वफादारों का कब्जा होने की संभावना है।
हांगकांग में चीन के ‘‘देशभक्तों’’ द्वारा शहर का शासन सुनिश्चित करने के लिए लागू किए गए कानूनों के बाद पहली बार निवासियों ने रविवार को जिला परिषद के चुनावों में मतदान किया था।
सीधे निर्वाचित सीटों को हटाए जाने समेत चुनाव प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए जाने से नाराज कुछ लोकतंत्र समर्थक मतदाताओं ने चुनाव से दूरी बनायी है।
हांगकांग सरकार ने 2019 के प्रदर्शनों के बाद अंसतुष्टों पर कार्रवाई की थी और उसके बाद नयी राजनीतिक व्यवस्था लागू की थी जिसमें केवल ‘‘देशभक्तों’’ को शासन चलाने का जिम्मा सौंपा गया।
चीन ने अर्द्ध स्वायत्त क्षेत्र में ‘‘एक देश, दो प्रणाली’’ का वादा किया था लेकिन बीजिंग द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के बाद यह वादा खतरे में पड़ गया। इस कानून के तहत कई लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की गयी और उन्हें चुप करा दिया गया।
हांगकांग ने 2021 में विधायिका के लिए अपने चुनावी कानूनों में संशोधन किया जिससे मतदान करने की आम जनता की क्षमता काफी कम हो गयी और शहर के लिए फैसले लेने की बीजिंग समर्थक सांसदों की संख्या बढ़ गयी। इन बदलावों के बाद उस साल हुए विधायी चुनाव में मतदान 58 प्रतिशत से गिरकर 30 प्रतिशत रह गया था।