जब आप किसी को देख कर मुस्कुराते हैं या किसी के साथ बतियाते हैं तो आपके एक राज का खुलासा पलभर में हो जाता है। यह है दांतों की सफाई, उनकी सेहत का राज जो चुगली खाने से कभी बाज नहीं आता कि कितने सफाई पसंद हैं आप? तभी तो सामने वाले के मोती से चमचमाते दांत आपको हीनभावना से भर देते हैं। तो आज बात करते हैं इसी के बारे में। दांतों की सुरक्षा और सफाई के लिए नियमित रूप से ब्रश करना तो जरूरी है ही, साथ ही जीभ भी साफ रखना जरूरी है। सुबह और रात को सोने से पहले अच्छी तरह से दांतों और जीभ की पूरी सफाई करनी चाहिए। वैसे दांतों की सुरक्षा और बचाव के लिए ये बातें भी फायदेमंद हो सकती हैं।
मुंह में रहने वाले कुछ बैक्टीरिया शक्कर और स्टार्च को बेहद पसंद करते हैं। खाने में मौजूद स्टार्च व शक्कर को ये कीटाणु एसिड में बदल देते हैं और इसी से दांतों की सारी समस्याएं पैदा होती हैं। अगर दांतों को मीठे से बचाया जा सके तो काफी दिक्कतें कम हो सकती हैं। दांतों के मामले में एक बात का खास ख्याल रखें कि इनकी सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी नहीं कि आप कम शक्कर खाएं बल्कि जरूरी है मीठी चीजों को कम बार खाना। अगर आप दिन में एक बार चार पीस मिठाई खा लें तो दांतों को उतना नुकसान नहीं पहुंचेगा, जितना मिठाई को चार बार खाने से होगा। चूंकि बार-बार मीठे के संपर्क में आ कर बैक्टीरिया ज्यादा अम्ल बनाएंगे, इसलिए सड़न भी ज्यादा होगी।
खाने के बाद अगर कोई डेयरी उत्पाद यानी दूध या चीज ली जाए तो दांतों में अम्ल का स्तर घटता है
और नुकसान अपेक्षाकृत कम हो जाता है। मीठे से बार-बार के परहेज की तरह आप सॉफ्ट ड्रिंक्स भी कम कर लेंगे तो अच्छा होगा। सॉफ्ट ड्रिंक्स अम्लीय होते हैं, इसलिए दांतों को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं। अगर आप सॉफ्ट ड्रिंक्स के फैन हैं तो सीधे बॉटल से पीने के बजाय हमेशा स्ट्रॉ काम में लाएं। इससे दांतों को कम नुकसान पहुंचेगा।
बच्चों को एक साल की उम्र के बाद डॉक्टर के पास नियमित रूप से चेकअप के लिए ले जाएं। बच्चों के दूध के दांत तो झड़ ही जाएंगे, यह सोच कर गफलत न करें। थोड़ी सी समस्या सामने आने पर भी डॉक्टर को संपर्क करें।
हर 6 महीने में एक बार दंत चिकित्सक के पास चेकअप के लिए जरूर जाएं जिससे कोई भी समस्या होने पर शुरूआती दौर में ही पकड़ में आ जाए।
क्यों खराब होते हैं दांत ?
महत्त्वपूर्ण सवाल है कि दांतों में पीलापन, दाग-धब्बे, सड़न या दुर्गंध क्यों पैदा होती है? दरअसल शरीर के अन्य भागों की तरह हमारे मुंह में भी कुछ सूक्ष्म जीव रहते हैं। इनमें से कुछ बैक्टीरिया हमारे लिए फायदेमंद होते हैं, पर कुछ ऐसे भी होते हैं जो दांतों के आसपास इकट्ठे हो कर सड़न पैदा करते हैं। अगर हम उपरोक्त सावधानी बरतें तो इन बैक्टीरिया की मात्रा कम कर सकेंगे तो दांतों की कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।