कीव, दो अक्टूबर (एपी) रूस द्वारा यूक्रेन की बिजली आपूर्ति प्रणाली (पावर ग्रिड) पर लगातार बमबारी करने से यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। यह चिंता तब और गहरी हो गई है जब एक ड्रोन हमले के कारण 1986 के चेरनोबिल परमाणु दुर्घटना स्थल की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
चेरनोबिल और रूसी कब्जे वाले ज़ापोरिज़्ज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र दोनों काम नहीं कर रहे हैं, लेकिन दोनों को लगातार बिजली की आपूर्ति की जरूरत होती है ताकि वे अपने महत्वपूर्ण शीतलन प्रणाली को चला सकें। शीतलन प्रणाली ‘ईंधन रॉड्स’ को ठंडा रखने के लिए जरूरी हैं, ताकि किसी संभावित परमाणु दुर्घटना से बचा जा सके।
बिजली आपूर्ति न होने से विकिरण निगरानी प्रणालियां भी प्रभावित हो सकती हैं, जिन्हें चेरनोबिल में सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया है तथा इनका संचालन संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा किया जाता है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने बुधवार देर रात कहा, “रूस जानबूझकर विकिरण घटनाओं का खतरा पैदा कर रहा है।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र निगरानी संस्था और उसके प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने खतरे के प्रति कमजोर प्रतिक्रिया दी है।
राष्ट्रपति ने कहा, “रूसी युद्ध के हर दिन, हमारी ऊर्जा सुविधाओं पर हर हमला हो रहा है, जिसमें परमाणु सुरक्षा से जुड़ी सुविधाएं भी शामिल हैं और यह एक वैश्विक खतरा है। कमज़ोर और आधे-अधूरे उपाय काम नहीं आएंगे। सख्त कार्रवाई ज़रूरी है।”
ज़ेलेंस्की ने अपने वीडियो संबोधन में कहा कि रूसियों ने स्लावुतिच में ऊर्जा अवसंरचना पर 20 से अधिक शाहिद ड्रोन दागे। यह वही शहर है जहां से चेरनोबिल को बिजली आपूर्ति होती है।