नागपुर, दो अक्टूबर (भाषा)राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि वर्तमान विकास मॉडल हिमालयी क्षेत्र में जलवायु संबंधी समस्याओं को बढ़ा रहे हैं तो भारत को अपनी नीतियों की समीक्षा करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि विकास के मौजूदा मॉडल इन मुद्दों को बढ़ा रहे हैं तो हमें अपनी नीति की समीक्षा करने की जरूरत है। हिमालय की वर्तमान स्थिति एक खतरे की घंटी है।’’
भागवत ने नागपुर में आरएसएस के वार्षिक विजयादशमी समारोह को संबोधित करते हुए प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी वर्तमान जीवनशैली के प्रतिकूल प्रभाव अब यहां भी दिखाई देने लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों में, हमने वर्षा में अनियमितता और प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि देखी है। पिछले तीन-चार वर्षों में भूस्खलन, अभूतपूर्व वर्षा और ग्लेशियरों के अप्रत्याशित रूप से पिघलने की घटनाएं बढ़ी हैं।’’
भागवत ने कहा कि हिमालय भारत के लिए एक सुरक्षा दीवार के रूप में कार्य करता है और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए जल का एक प्रमुख स्रोत है।