गोरखपुर (उप्र), दो अक्टूबर (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर के आवासीय भवन के प्रथम तल पर महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर पुष्प अर्पित करने के बाद उनके व्यक्तित्व और राष्ट्रहित में उनके अविस्मरणीय योगदान को याद करते हुए कृतज्ञता व्यक्त की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की ‘डबल इंजन सरकार’ बापू और शास्त्री के सपनों को साकार कर रही है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मृतियों को नमन करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि सत्य और अहिंसा की ताकत क्या होती है, इसका एहसास भारत के स्वाधीनता आंदोलन में महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत ने पूरी दुनिया को कराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी के मूल्यों और आदर्शों में स्वदेशी का महत्वपूर्ण स्थान रहा। विदेशी हुकूमत की जड़ों को उखाड़ फेंकने के लिए सत्य व अहिंसा के मार्ग का अनुसरण करने के साथ स्वदेशी देशवासियों को एकता के सूत्र में बांधने का आलंबन बनी।
उन्होंने कहा कि बापू के सपनों को साकार करने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वदेशी देश और दुनिया के लिए मॉडल बन रही है। स्वदेशी से ही जुड़ी उत्तर प्रदेश सरकार की ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना सफलता की नई ऊंचाई को छू रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेशी केवल खादी तक सीमित नहीं है बल्कि वर्तमान समय में भारत की दिनचर्या का हिस्सा बन रही है।
आदित्यनाथ ने कहा ‘‘महात्मा गांधी को स्वच्छता सर्वाधिक पसंद थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन के जरिए स्वच्छता को एक नई ऊंचाई दी है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश में 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं। इससे नारी गरिमा को सम्मान मिला है, साथ ही बीमारियों से बचाव और लोगों को लोगों की आर्थिक बचत भी हुई है।’’
मुख्यमंत्री ने देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि शास्त्री जी स्वाधीनता आंदोलन के अग्रणी पंक्ति के सेनानी थे। वह बापू के प्रखर अनुयायी तथा स्वदेशी से स्वावलंबन के पक्षधर थे। कृषि क्षेत्र की आत्मनिर्भरता का एक मॉडल शास्त्री ने दिया था।
आदित्यनाथ ने कहा ‘‘ शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देकर खाद्यान्न क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के संकल्प को मजबूत किया। वहीं यह संदेश भी उन्होंने दिया कि भारत शांति का पक्षधर है, पर यदि कोई उसे पर युद्ध थोपेगा तो उसका मुंहतोड़ जवाब भी दिया जाएगा। ’’
उन्होंने कहा कि वर्ष 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में शास्त्री जी के नेतृत्व में मिली विजय से देश ने अपनी शक्ति का एहसास पूरी दुनिया के सामने कराया था।