नयी दिल्ली, सरकार ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि कोविड-19 महामारी के दौरान लागू की गयी प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना बेहद सफल रही है और सरकार रेहड़ी-पटरी वालों को कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने के पूर्व निर्धारित लक्ष्य को पार कर चुकी है।
आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि जब यह योजना शुरू की गयी थी तो 42-43 लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों को यह ऋण देने की योजना थी, लेकिन यह लक्ष्य पार हो चुका है।
पुरी ने जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद महाबली सिंह के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 56 लाख वेंडर्स (रेहड़ी-पटरी विक्रेता) पहला ऋण ले चुके हैं और दूसरी तथा तीसरी बार ऋण लेने वाले ऐसे विक्रेताओं का आंकड़ा 73 लाख के पार पहुंच गया है।
आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने एक जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को कोविड-19 महामारी में बुरी तरह प्रभावित हो चुके उनके व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिए बिना किसी गारंटी के कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कोशिश है कि इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले ऐसे विक्रेताओं को लाभ मिले और इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सरकार को सलाह दी कि वह संबंधित परिपत्र दोबारा जारी करें ताकि अधिक से अधिक गरीब विक्रेता इस योजना का लाभ ले सकें।