लंदन, ब्रिटेन के आव्रजन मंत्री रॉबर्ट जेनरिक ने अवैध प्रवासियों को देश से वापस भेजने की सरकार की रवांडा नीति पर ‘‘गहरी असहमति’’ व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।
जेनरिक को हाल तक सुनक के सहयोगी के तौर पर देखा जाता था। जेनरिक ने बुधवार को कहा कि उन्होंने महसूस किया कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली द्वारा संसदीय बयान में प्रस्तुत आपातकालीन विधेयक ‘‘कानूनी चुनौतियों’’ को समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
सुनक ने उनके इस्तीफे पर कहा कि वह ‘‘निराश’’ हैं लेकिन पद छोड़ने का उनका तर्क ‘‘स्थिति की बुनियादी गलतफहमी पर आधारित’’ है।
जेनरिक ने निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में प्रश्नकाल के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बेहद दुख के साथ मैंने आव्रजन मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को दे दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की नीति को लेकर जब मेरी इतनी गहरी असहमति है तो मैं अपने पद पर नहीं बने रह सकता।’’
जेनरिक ने कहा कि इंग्लिश चैनल को पार करने वाली छोटी नौकाएं देश को ‘‘अनजाने में नुकसान’’ पहुंचा रही हैं और सरकार को ‘‘राष्ट्रीय हितों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अत्यधिक विवादित बयानों से ऊपर रखने’’ की जरूरत है।
उन्होंने बुधवार को सुनक को लिखे अपने इस्तीफे में लिखा, ‘‘मैंने लगातार एक स्पष्ट कानून की वकालत की है जो घरेलू और विदेशी अदालतों के लिए नीति की प्रभावशीलता को अवरुद्ध करने या कम करने के अवसरों को गंभीर रूप से सीमित करता है।’’
अपने जवाब में प्रधानमंत्री सुनक ने कहा कि कि नया विधेयक ‘‘ब्रिटेन सरकार द्वारा अब तक पेश किया गया सबसे कठिन अवैध प्रवासन कानून’’ होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘रवांडा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसे कानून पर आधारित ब्रिटेन की इस योजना को स्वीकार नहीं करेगी जिसे अंतरराष्ट्रीय कानून दायित्वों का उल्लंघन माना जा सकता है।’’
यह कदम सुनक के लिए निराशाजनक है और ऐसे समय में अहम हो जाता है जब वह 2024 के लिए आम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
रवांडा सुरक्षा विधेयक औपचारिक रूप से बृहस्पतिवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया जाएगा।
ब्रिटेन सरकार ने मंगलवार को रवांडा के साथ एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया जाएगा। समझौता यह सुनिश्चित करता है कि रवांडा भेजे गए लोगों को ऐसे देश में स्थानांतरित करने का खतरा नहीं होगा जहां उनके जीवन या स्वतंत्रता को खतरा हो।