माता वैष्णोदेवी यात्रा : नवरात्र के दौरान 1.70 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किये

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कटरा (रियासी), एक अक्टूबर (भाषा) नवरात्र के दौरान माता वैष्णोदेवी के आधार शिविर कटरा में ‘जय माता दी’ के जयकारों की गूंज के साथ 1.70 लाख से अधिक भक्तों ने माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन किये।

नवरात्र के दौरान वैष्णो देवी मंदिर में सबसे अधिक तीर्थयात्री आते हैं। अधिकारियों ने बताया कि हर गुजरते दिन के साथ तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई।

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुमार वैश्य ने संवाददाताओं को बताया, “1.70 लाख से अधिक तीर्थयात्री गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा सुचारु रूप से चल रही है। प्रत्येक गुजरते दिन के साथ तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है।”

उन्होंने तीर्थयात्रियों से बड़ी संख्या में मंदिर में आकर दर्शन करने का आग्रह किया। ‘जय माता दी’ के जयकारे और भक्ति गीत गाते हुए उत्साही तीर्थयात्री कड़ी सुरक्षा के बीच कटरा से माता वैष्णो देवी मंदिर के भवन तक घुमावदार रास्ते से आगे बढ़े।

उज्जैन के सुरेश कुमार ने कहा, “हम यहां दर्शन के लिए आए हैं। आज नवमी होने के कारण यह बेहद पवित्र और शुभ दिन है। मेरा मानना ​​है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार वैष्णो देवी अवश्य आना चाहिए। यह वास्तव में एक सुंदर स्थान है जो आस्था से परिपूर्ण असंख्य भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है।”

बारह सदस्यों वाले समूह में शामिल कुमार ने बताया कि तवी नदी में आई बाढ़ और जम्मू क्षेत्र में भारी तबाही के बावजूद, उन्होंने अपनी रेल टिकटें रद्द नहीं कीं, बल्कि हर हाल में माता के दर्शन करने का निश्चय किया। उन्होंने कहा, “माता का बुलावा आ ही गया।”

कर्नाटक की वीना राय ने कहा कि दो बार टिकट रद्द करने के बावजूद, वह यहां आईं और माता का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा, “हर साल दुर्गा पूजा और नवरात्र के दौरान मैं यहां आती हूं। मैं व्रत रखती हूं और अपने परिवार के साथ दर्शन करती हूं। हमने मौसम की खराब स्थिति और रेल यातायात में व्यवधान के कारण दो बार टिकट रद्द किए। लेकिन यह माता का बुलावा था कि हम लगातार सातवें साल नवरात्र के दौरान यहां आए हैं।”

वैश्य ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए श्राइन बोर्ड द्वारा शारदीय नवरात्रि के दौरान व्यापक व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने तीर्थयात्रियों का मार्गदर्शन करने, भीड़ का प्रबंधन करने तथा 13 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग पर सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवकों को तैनात किया है।

मूसलाधार बारिश के कारण 26 अगस्त को हुए भीषण भूस्खलन के कारण 22 दिन तक स्थगित रहने के बाद वैष्णोदेवी की तीर्थयात्रा 17 सितंबर को पुनः शुरू हुई। इस भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हो गए थे।

महानवमी के अवसर पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच जम्मू शहर के बहू फोर्ट स्थित माता काली मंदिर में सुबह से ही सैकड़ों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए उमड़ पड़े। यह मंदिर बावे वाली माता के नाम से प्रसिद्ध है।

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