नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) शहर के कुछ हिस्सों में दशहरा समारोह के लिए तैयार किए जा रहे रावण के विशाल पुतलों को मंगलवार को हुई तेज बारिश से नुकसान पहुंचा।
तितारपुर में रावण के पुतले बनाने का काम दशहरे से हफ्तों पहले शुरू हो जाता है। कल की बारिश ने तितारपुर में रावण के पुतलों को खासा नुकसान पहुंचाया। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में रावण के पुतलों से अलग हुई सामग्री फुटपाथ पर पड़ी दिखाई दे रही है और पुतले बनाने वाले कारीगर उनके बचे हुए हिस्से को बचाने की कोशिश करते दिखे।
राजौरी गार्डन क्षेत्र के पास, रावण का एक पुतला ढहता हुआ लग रहा था, उसका भीगा हुआ चेहरा झुक गया था और लकड़ी के फ्रेम पानी के दबाव से झुक रहे थे और रंग भी बिखर रहा था।
लव कुश रामलीला समिति के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने कहा, ‘‘अचानक आई तेज बारिश के कारण हमारे पुतले थोड़े गीले हो गए हैं, क्योंकि तीनों पुतलों को उनकी ऊंचाई के कारण बाहर रखा गया था। हमें अब उनकी मरम्मत करवानी होगी।’’
श्री राम धार्मिक लीला समिति के प्रेस सचिव रवि जैन ने कहा, ‘‘हम अभी रावण का पुतला खड़ा करने वाले थे, लेकिन भारी बारिश के कारण हमें इसे स्थगित करना पड़ा। शुक्र है कि हमने जल्दी शुरुआत नहीं की, वरना भारी नुकसान हो सकता था। हालांकि नुकसान तो हुआ ही है।’’
दुर्गा पूजा आयोजकों को भी मौसम में अचानक बदलाव के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि अप्रत्याशित बारिश के कारण पंडालों में सामान्य से कम भीड़ रही।
एक पंडाल के अध्यक्ष अमित रॉय ने कहा, ‘‘हमने एहतियाती कदम उठाए थे, इसलिए कोई बड़ी समस्या नहीं हुई। लेकिन दर्शकों की संख्या घट गई।’’
कश्मीरी गेट में, यातायात जाम और जलभराव के कारण श्रद्धालु समय पर पंडालों तक नहीं पहुंच पाए। संयुक्त सचिव शंखो मीता ने कहा, ‘‘गीता कॉलोनी और कश्मीरी गेट जैसे इलाकों में भारी जलभराव हो गया था। कई भक्त घंटों ट्रैफिक में फंसे रहने के बाद पूजा के लिए बहुत देर से आए।’’
सीआर पार्क में, काली मंदिर सोसाइटी के स्थायी पंडाल को कोई खास नुकसान नहीं हुआ। पंडाल के उपाध्यक्ष प्रदीप गांगुली ने कहा, ‘‘हम भी बारिश से अचंभित थे, लेकिन हमें कोई बड़ी समस्या नहीं हुई। चूंकि प्रधानमंत्री का दौरा निर्धारित था, इसलिए अधिकारियों ने इलाके को अपने नियंत्रण में ले लिया था।’’