अभिनय सम्राट दिलीप कुमार

दिलीप कुमार पांच दशक तक भारतीय फिल्मों के सिंहासन के सर्वोच्च शिखर पर आसीन रहे। 1944 में ज्वारभाटा से मुम्बई की फिल्मी दुनिया में प्रवेश करने वाले दिलीप कुमार के अभिनय की ख्याति सिर्फ भारत में ही सीमित नहीं रही, अपितु उनकी अभिनय प्रतिभा की विदेशों तक में सराहना हुई है।


अपने समय की सुपर हिट फिल्मों के सुपरहिट नायक दिलीप कुमार गमगीन और गंभीर अभिनय के लिए ही नहीं अपितु, भोले-भाले भारतीय युवक के अभिनय के लिए भी मशहूर रहे हैं। अपनी इस फिल्मी यात्रा में वे जहां सलीम जैसे शहजादे के रूप में सराहे गए, वहीं वे गंगा-जमुना के अबोध ग्रामीण के रूप में भी पंसद किए गए। फिल्मी दुनिया में 51 वर्षों तक अभिनय का झंडा गाड़कर रखने वाले दिलीप कुमार ने कुल साठ फिल्मों में ही काम किया। अभिनय के प्रति ईमानदारी बरतने वाले दिलीप कुमार ने इसीलिए कुछ ऐसी फिल्मों में काम करने से इंकार कर दिया, जो उस समय के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता बना रहे थे। इस संबंध में गुरुदत्त की प्यासा एवं राजकपूर की सुपरहिट फिल्म संगम के नाम उल्लेखनीय हैं। अभिनय के प्रति समर्पण एवं ईमानदारी का ही परिणाम है कि दिलीप कुमार की फिल्मों का औसत एक वर्ष में दो भी नहीं है।


पांचवें छठवें एवं सातवें दशक में दिलीप कुमार अभिनय सम्राट थे। 1952 से 1982 तक की अवधि में उन्हें आठ बार श्रेष्ठ अभिनय के लिये फिल्म फेयर अवार्ड मिले। ये फिल्में हैं- दाग, आजाद, देवदास, नया दौर, कोहिनूर, लीडर, राम और श्याम तथा शक्ति। उनकी आधी से अधिक फिल्में गोल्डन जुबली मनाकर सुपरहिट हुई। देवदास, नया दौर तथा गंगा-जमुना में उनका अभिनय इतना सशक्त था कि यह कहने वालों की कमी नहीं है कि दिलीप कुमार ने इन फिल्मों में जैसा अभिनय किया है, वैसा कोई और अभिनता कर ही नहीं सकता।
दिलीप कुमार सिर्फ अभिनय में ही सिद्धहस्त नहीं थे, अपितु वे कुशल निर्देशक भी थे। उन्होंने स्वयं दो फिल्में भी बनाई। अभिनय के सर्वोच्च शिखर पर रहने के कारण दिलीप कुमार कई बार चर्चाओं के केन्द्र रहे। एक जमाने में उनके कई अभिनेत्रियों से प्रेम प्रसंग बड़े चर्चित थे, पर बाद में दिलीप कुमार का कुंआरापन काफी चर्चित रहा और यह कहा जाने लगा था कि दिलीप कुमार कभी विवाह ही नहीं करेंगे, पर बाद में उन्होंने अपनी उम्र से काफी कम उम्र की प्रसिद्ध अभिनेत्री सायरा बानो से शादी करके सनसनी फैला दी थी।


फिल्मी सफर

फिल्म सन्
1. ज्वारभाटा (1944)
2. प्रतिभा (1945)
3. मिलन (1946)
4. जुगनू (1947)
5. नीलकमल (1947)
6. अनोखा प्यार (1948)
7. घर की इज्जत (1948)
8. मेला (1948)
9. वनवासी (1948)
10. नदिया के पार (1948)
11. शहीद (1948)
12. अंदाज (1949)
13. शबनम (1949)
14. आरजू (1950)
15. बाबुल (1950)
16. जोगन (1950)
17. दीदार (1951)
18. हलचल (1951)
19. तराना (1951)
20. आन (1952)
21. दाग (1952)
22. संगदिल (1952)
23. फुटपाथ (1953)
24. शिकस्त (1953)
25. अमर (1954)
26. आजाद (1955)
27. देवदास (1955)
28. इंसानियत (1955)
29. उडऩ खटोला (1955)
30. नया दौर (1957)
31. मुसाफिर (1957)
32. यहूदी (1957)
33. मधुमती (1958)
34. पैगाम (1960)
35. कोहिनूर (1960)
36. मुगल-ए-आजम (1960)
37. गंगा-जमुना (1961)
38. लीडर (1964)
39. दिल दिया दर्द लिया (1966)
40. राम और श्याम (1967)
41. आदमी (1968)
42. संघर्ष ((1968)
43. गोपी (1970)
44. अनोखा मिलन (1972)
45. दास्तान (1972)
46. फिर कब मिलोगी (1974)
47. सगीना (1974)
48. बैराग (1976)
49. क्रांति (1981)
50. शक्ति (1982)
51. विधाता (1982)
52. मजदूर (1983)
53. दुनिया (1984)
54. मशाल (1984)
55. धर्माधिकारी (1986)
56. कर्मा (1986)
57. कानून अपना-अपना (1989)
58. इज्जतदार (1990)
59. सौदागर (1991) (विनायक फीचर्स)