‘डीपफेक’ बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग समाज के लिए खतरनाक: राष्ट्रपति मुर्मू

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नागपुर,  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि जहां एक ओर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल लोगों के जीवन को सुगम बना रहा है, तो वहीं ‘डीपफेक’ बनाने के वास्ते इसका दुरुपयोग समाज के लिए खतरा पैदा करता है।

उन्होंने कहा कि यदि प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल किया जाए, तो इससे समाज को फायदा होगा, लेकिन इसके दुरुपयोग से मानवता पर असर पड़ेगा।

मुर्मू ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा में निवेश देश की प्रगति में बेशकीमती निवेश है।

राष्ट्रपति ने राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के 111वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अब हर युवा प्रौद्योगिकी को समझता भी है और उसका इस्तेमाल भी करता है। किसी भी संसाधन का सदुपयोग भी हो सकता है और दुरुपयोग भी। यही बात प्रौद्योगिकी के साथ भी सच है। यदि इसका सही इस्तेमाल किया जाए तो इससे समाज और देश को फायदा होगा, लेकिन अगर इसका दुरुपयोग हुआ, तो इसका असर मानवता पर पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल हमारे जीवन को सुगम बना रहा है, लेकिन डीपफेक के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल समाज के लिए खतरा है। इस संबंध में नैतिक मूल्य आधारित शिक्षा हमें रास्ता दिखा सकती है।’’


‘डीप फेक’ तकनीक शक्तिशाली कंप्यूटर और शिक्षा का इस्तेमाल करके वीडियो, छवियों, ऑडियो में हेरफेर करने की एक विधि है।

मुर्मू ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह में आधे से अधिक डिग्री धारक लड़कियां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि लड़कियों की शिक्षा में निवेश देश की प्रगति में सबसे मूल्यवान निवेश है।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि आज प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे बड़े बदलावों को देखते हुए लगातार सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सदैव जिज्ञासु रहना चाहिए और जीवन भर सीखने का प्रयास करना चाहिए।

मुर्मू ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उद्देश्य भारतीय लोकाचार और मूल्यों वाली एक शिक्षा नीति विकसित करना है।

छात्रों को समाज की ‘संपदा’ बताते हुए उन्होंने कहा कि देश का भविष्य उनके कंधों पर है।

मुर्मू ने विश्वास जताया कि विद्यार्थी देश की प्रगति में योगदान देंगे।

इस मौके पर मौजूद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि विश्वविद्यालय देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि कुशल मानव संसाधन तैयार करने में विश्वविद्यालयों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।