भारत-अमेरिका संबंध नयी दिल्ली-मॉस्को के बीच संबंधों के लिए मापदंड नहीं: रूस के विदेश मंत्री लावरोव
Focus News 28 September 2025 0
संयुक्त राष्ट्र, 28 सितंबर (भाषा) रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि मॉस्को, भारत के राष्ट्रीय हितों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपनाई जा रही स्वतंत्र विदेश नीति का पूरा सम्मान करता है।
लावरोव ने यह भी कहा कि अमेरिका या किसी अन्य देश के साथ नयी दिल्ली के संबंध भारत-रूस संबंधों के लिए मानक नहीं हो सकते।
उच्च-स्तरीय आम चर्चा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के संबोधन से कुछ समय पहले लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच ‘‘विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी’’ है।
उन्होंने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका या किसी अन्य देश के साथ नयी दिल्ली की स्थितियों को वह भारत और रूस के बीच संबंधों का मानदंड नहीं मान सकते।
लावरोव से पूछा गया था कि अमेरिका द्वारा विभिन्न देशों पर रूसी तेल की खरीद कम करने के दबाव के बावजूद भारत वहां से तेल का आयात जारी रखे हुए है, इस परिप्रेक्ष्य में मॉस्को, नयी दिल्ली के साथ अपने संबंधों को किस प्रकार देखता है।
लावरोव ने कहा, ‘‘हम भारत के राष्ट्रीय हितों का पूरा सम्मान करते हैं और (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी द्वारा इन राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देने के लिए अपनाई जा रही विदेश नीति का भी पूरा सम्मान करते हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत और रूस नियमित रूप से उच्च-स्तरीय संपर्क बनाए हुए हैं।
लावरोव ने चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई हालिया मुलाकात का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के दिसंबर में नयी दिल्ली जाने की उम्मीद है।
रूसी नेता ने कहा, ‘‘व्यापार, सैन्य, तकनीकी सहयोग, वित्त, मानवीय मामले, स्वास्थ्य सेवा, उच्च तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में हमारा बहुत व्यापक द्विपक्षीय एजेंडा है, जबकि एससीओ, ब्रिक्स (दुनिया की पांच अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह) के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय एवं द्विपक्षीय स्तर पर हमारे बीच करीबी समन्वय है।’’
लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र से इतर जयशंकर से मुलाकात कर द्विपक्षीय चर्चा की थी और ब्रिक्स सदस्य देशों के विदेश/अंतरराष्ट्रीय मामलों के मंत्रियों की वार्षिक बैठक में भी भाग लिया था। इस बैठक की अध्यक्षता 2026 के लिए ब्रिक्स के आगामी अध्यक्ष के रूप में भारत ने की।
लावरोव ने अपने और जयशंकर के बीच द्विपक्षीय यात्राओं और नियमित बातचीत के बारे में भी चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो यह भी नहीं पूछता कि हमारे व्यापारिक संबंधों या तेल का क्या होगा? मैं अपने भारतीय सहयोगियों से ये नहीं पूछता। वे अपने लिए यह निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम हैं।’’
तेल आयात पर जयशंकर की टिप्पणी का जिक्र करते हुए लावरोव ने कहा कि विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर ‘‘अमेरिका हमें अपना तेल बेचना चाहता है, तो हम इसके लिए शर्तों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम अमेरिका के अलावा रूस या दूसरे देशों से क्या खरीदते हैं, यह हमारा अपना मामला है और इसका भारत-अमेरिका एजेंडे से कोई लेना-देना नहीं है’’।
उन्होंने कहा कि ‘‘यह एक बहुत ही सराहनीय प्रतिक्रिया है’’ और यह दर्शाता है कि तुर्किये की तरह भारत में भी ‘‘आत्मसम्मान’’ है।
एक अन्य सवाल के जवाब में लावरोव ने जोर देकर कहा कि रूस और भारत के बीच आर्थिक साझेदारी सुरक्षित है।