नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी विदेशों में यूरेनियम खदानों की पहचान के लिए एक सलाहकार नियुक्त करेगी। कंपनी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
यह कदम कंपनी की भविष्य में स्थापित होने वाली परमाणु परियोजनाओं के लिए कच्चा माल सुरक्षित करने की योजना का हिस्सा है।
एनटीपीसी ने इससे पहले यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के साथ एक औपचारिक समझौते किया था।
इस समय एनटीपीसी राजस्थान में लगभग 42,000 करोड़ रुपये के निवेश से भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के साथ संयुक्त उद्यम (जेवी) में एक परमाणु परियोजना स्थापित कर रही है। इसमें एनटीपीसी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि एनपीसीआईएल के पास 51 प्रतिशत की बहुलांश हिस्सेदारी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को बांसवाड़ा में संयुक्त उद्यम इकाई अणुशक्ति विद्युत निगम लिमिटेड (अश्विनी) की चार गुणा 700 मेगावाट की माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (एमबीआरएपीपी) की आधारशिला रखी।
एनटीपीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने हाल ही में कहा कि उनकी कंपनी विभिन्न परमाणु प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और राज्य सरकारों के साथ मिलकर अपनी परियोजनाएं स्थापित कर रही है।
कंपनी के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”हम विदेश में यूरेनियम परिसंपत्तियों की संयुक्त तकनीकी-व्यावसायिक जांच-पड़ताल के लिए यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के साथ संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में हैं। इस संबंध में एक प्रस्ताव बोर्ड की मंजूरी के लिए भेजा गया है। इसके बाद हम परामर्श के लिए अनुबंध करेंगे।”
उन्होंने कहा कि एक सलाहकार नियुक्त होगा, जो यूरेनियम खदानों के स्थानों के बारे में सलाह देगा। उन्होंने आगे बताया कि इन परिसंपत्तियों के अधिग्रहण पर इसके आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि भंडार की मात्रा, रसद लागत जैसे मापदंडों का भी मूल्यांकन किया जाएगा।