चेन्नई, 27 सितंबर (भाषा) तमिलनाडु के अल्पसंख्यक एवं अनिवासी तमिल कल्याण मंत्री एस एम नासर ने शनिवार को कहा कि राज्य वक्फ बोर्ड का पुनर्गठन तब तक नहीं किया जाएगा जब तक उच्चतम न्यायालय वक्फ कानून संशोधन को दी गयी चुनौती पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुना देता।
नासर ने यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘चूंकि वक्फ संशोधन अधिनियम से संबंधित याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं, ऐसे में जब तक अंतिम फैसला नहीं सुनाया जाता, तब तक राज्य वक्फ बोर्ड का पुनर्गठन वक्फ संशोधन अधिनियम के अनुसार नहीं किया जाएगा क्योंकि इस संशोधन अधिनियम को केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में लागू किया था।’’
मंत्री ने कहा कि द्रमुक सरकार ने वक्फ कानून के साथ छेड़छाड़ का लगातार विरोध किया और राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में इस संशोधन को चुनौती भी दी है तथा शीर्ष अदालत ने 15 सितंबर, 2025 को वक्फ संशोधन अधिनियम के चुनिंदा प्रावधानों पर रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया है।
केंद्र के अनुसार, एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास (यूएमईईडी) संशोधन अधिनियम, 2025 का उद्देश्य संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ाकर शासन में सुधार करना है।
इसके अलावा, इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड और स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय को सुव्यवस्थित करना तथा हितधारकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।