नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) ऑयल इंडिया लि. (ओआईएल) ने अंडमान द्वीप समूह के पास प्राकृतिक गैस भंडार की खोज की है। सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी ने खोज के आकार के बारे में जानकारी नहीं दी।
एक बयान में, ओआईएल ने कहा कि अपतटीय अंडमान ब्लॉक एएन-ओएसएचपी-2018/1 में खोदे गए दूसरे अन्वेषण कुएं विजयपुरम-2 में प्राकृतिक गैस की उपस्थिति की सूचना मिली है।
बयान में कहा गया, ”शुरुआती जांच के दौरान, जब कुएं से गैस रुक-रुक कर बाहर निकल रही थी, तो उसके नमूनों की जांच की गई। इस जांच से यह पुष्टि हो गई है कि वहां प्राकृतिक गैस मौजूद है। यह गैस कैसे और कहां से आई है, यह जानने के लिए आगे और गैस आइसोटोप अध्ययन किए जा रहे हैं।”
ऑयल इंडिया लिमिटेड और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम अंडमान सागर में हाइड्रोकार्बन भंडारों की खोज कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस खोज से भारत की तेल और गैस की जरूरतों के लिए आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
ओआईएल ने कहा, ”शुरुआती आकलन के अनुसार, हमारी यह खोज हाइड्रोकार्बन के स्रोत, उसके प्रवाह मार्ग या उसके जमाव की उपस्थिति का एक प्रमुख संकेत हो सकती है, जो भविष्य की खोज और ड्रिलिंग रणनीति में मदद करेगी।”
ओआईएल गैस की उपस्थिति का मूल्यांकन करने के लिए ऊपरी संभावित क्षेत्रों में भी अतिरिक्त परीक्षण कर रही है।
कंपनी ने आगे कहा कि अंडमान के उथले अपतटीय क्षेत्र में जारी खोज अभियान के दौरान हाइड्रोकार्बन की उपस्थिति की सूचना मिलने का यह पहला मामला है।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि यह खोज अंडमान द्वीप समूह के पूर्वी तट से 9.20 समुद्री मील (17 किलोमीटर) दूर, पानी की 295 मीटर गहराई पर और कुल 2,650 मीटर की लक्ष्यित गहराई वाले कुएं में हुई है।
पुरी लंबे समय से अंडमान को गुयाना स्तर का तेल क्षेत्र बताते रहे हैं। उन्होंने कहा, ”2,212 से 2,250 मीटर की गहराई में कुएं के शुरुआती उत्पादन परीक्षण से पता चला कि वहां प्राकृतिक गैस है। पानी के जहाज से काकीनाड़ा लाए गए गैस के नमूनों की जांच की गई, जिसमें 87 प्रतिशत मेथेन पाया गया।”