भुवनेश्वर, 23 सितंबर (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को घोषणा की कि मयूरभंज जिले के रायरंगपुर में 85 करोड़ रुपये की लागत से एक आयुर्वेद कॉलेज स्थापित किया जाएगा और राज्य को इस वर्ष आठ और ‘पंचकर्म’ केंद्र मिलेंगे।
पंचकर्म केंद्रों में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है।
माझी ने यहां राज्य-स्तरीय राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से इस वर्ष मयूरभंज जिले के रायरंगपुर में एक नया आयुर्वेदिक कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इस परियोजना के लिए अनुमानित 85 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।’’
वर्तमान में, केन्द्रापड़ा जिला मुख्यालय अस्पताल में आयुष के अंतर्गत एक पंचकर्म इकाई मौजूद है तथा बरगढ़ और क्योंझर मुख्यालय अस्पतालों में ऐसी दो इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न जिलों में आठ और पंचकर्म केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
माझी ने कहा, ‘‘ओडिशा में तीन सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज एवं चार सरकारी होम्योपैथिक कॉलेज हैं, जबकि पांच सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल और चार सरकारी होम्योपैथिक अस्पताल हैं, जहां नयी पीढ़ी के चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और राज्य तथा बाहर से आए कई मरीजों का इलाज किया जा रहा है।’’
इसके अलावा, वर्तमान में 1,011 आयुष औषधालय कार्यरत हैं, जिनमें से 620 आयुर्वेदिक, 562 होम्योपैथिक और नौ यूनानी औषधालय हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी चिकित्सा केंद्र गांवों और अन्य उपेक्षित क्षेत्रों में लोगों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत ढेंकनाल, ब्रह्मपुर और बालासोर में तीन एकीकृत आयुष अस्पताल स्थापित किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा कि आयुष विभाग के माध्यम से राज्य सरकार गांव और शहरी दोनों स्तरों पर आयुर्वेद उपचार पहुंचाने की दिशा में कदम उठा रही है।
महालिंग ने कहा कि इस वर्ष अब तक 2.3 करोड़ से अधिक रोगियों को आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से सेवाएं प्रदान की गई हैं।