चीन में बच्चों में बढ़ रही बीमारी को लेकर वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान आया है। इसके मुताबिक फेफडों के इस संक्रामक रोग के पीछे कई रोगजनक जीवाणु हैं। शुरुआत में इसके पीछे किसी वायरस के होने की आशंका जताई गई थी। इस बात ने चिंता बढ़ा दी थी। चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता मी फेंग ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहाकि मामलों में इजाफे के पीछे इंफ्लुएंजा एक बड़ा कारण है। इसके अलावा राइनोवायरस, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और रेस्पिरेटरी सिंसाइटियल वायरस भी फैल रहे हैं।
फेंग ने कहाकि देश में मेडिकल सप्लाई की गारंटी होनी चाहिए और मेडिकल ट्रीटमेंट की सुविधाओं में इजाफा भी होना चाहिए। गौरतलब है चीन में बच्चे बड़े पैमाने पर फेफड़े की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। परेशान लोग अपने बच्चों को डॉक्टर को दिखाने के लिए घंटों लाइन में लगे नजर आ रहे हैं। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन और बीजिंग चिल्ड्रेन हॉस्पिटल ने गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन को बताया कि अस्पतालों में मरीजों को दिखाने और भर्ती होने के मामले बढ़े हैं। हालांकि बीमारी की वजह को लेकर कोई चिंता की बात नहीं कही गई है।
डब्लूएचओ ने मांगी थी रिपोर्ट
बता दें कि चीन में अनजान निमोनिया की चपेट में आने के बाद बच्चे अस्पताल में भर्ती होने लगे थे। इसके बाद डब्लूएचओ ने इस बीमारी को लेकर वहां से डिटेल रिपोर्ट मांगी थी। डब्लूएचओ ने कहा है कि साल के इस समय के लिए बीमारी का लेवल अधिक है। सदियों के दौरान सांस के रोगों का बढ़ना असामान्य नहीं है। साथ ही लोगों से कहा गया है कि रिस्क कम करने के लिए बेसिक सावधानियां बरती जाएं। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि फिलहाल के हालात के आधार पर यात्रा प्रतिबंध की कोई जरूरत नहीं है।
डॉक्टर दे रहे चेतावनी
गौरतलब है कि चीन में डॉक्टर हफ्तों से ‘वॉकिंग निमोनिया’ के मामलों में संभावित इजाफे को लेकर वॉर्निंग दे रहे हैं। लोकल चीनी मीडिया ने किंडरगार्टन और प्राइमरी स्कूल के बच्चों के बीच माइकोप्लाज्मा से संक्रमण बढ़ने की लगातार सूचना दी है। यह रोगाणु मजबूत इम्यून सिस्टम वाले बड़े बच्चों और वयस्कों में केवल हल्के सर्दी की वजह बनता है। वहीं, छोटे बच्चों में निमोनिया होने का खतरा होता है, जो लक्षणों के साथ हफ्तों तक रहता है।