पुरी, 23 सितंबर (भाषा) ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर को मंगलवार सुबह 10 बजे से श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया क्योंकि अधिकारियों ने कड़ी सुरक्षा के बीच आभूषणों एवं अन्य मूल्यवान वस्तुओं को ‘रत्न भंडार’ या खजाने में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पूर्व के निर्णय के अनुसार पूरे मंदिर परिसर को खाली करा दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जब अधिकारी कीमती सामान को रत्न भंडार में स्थानांतरित कर रहे हों, तो कोई भी आम नागरिक वहां मौजूद नहीं रहे। रत्न भंडार की लंबे समय बाद मरम्मत की गई है।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने कहा कि भगवान के कीमती सामान को अस्थायी सुरक्षित कमरों में रखा गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि रत्न भंडार समिति के सदस्य, जिनकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ कर रहे थे, पुरी के जिलाधिकारी दिव्य ज्योति परिदा, पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रतीक सिंह और अन्य लोग कीमती सामान को स्थानांतरित करते समय मंदिर के अंदर मौजूद थे।
श्री जगन्नाथ मंदिर पुलिस (एसजेटी) के अलावा जिला पुलिस, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) के कर्मी, अग्निशमन सेवा और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कर्मी भी मंदिर परिसर में मौजूद थे।
यह भव्य इमारत बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में है क्योंकि भगवान के कीमती वस्तुओं को रत्न भंडार में स्थानांतरित किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि मुख्य मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है।
पाधी ने कहा कि ‘महाप्रसाद’ ग्रहण करने के इच्छुक श्रद्धालु इसे ‘आनंद बाजार’ में प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘स्थानांतरण का काम पूरा होने के बाद प्रवेश प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे।’’ हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ये प्रतिबंध कब तक लागू रहेंगे।