नयी दिल्ली, भारत की शीर्ष तेल एवं गैस उत्पादक ओएनजीसी ने मुंबई के अपतटीय क्षेत्रों से उत्पादित कच्चे तेल को अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट के प्रीमियम पर बेचने के लिए शोधनशालाओं के साथ सशर्त अनुबंध किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को करीब 45 लाख टन कच्चा तेल बेचने के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं।
कंपनी के सूत्रों ने बताया कि तेल की कीमत मौजूदा ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत के साथ एक फीसदी पर तय की गई है।
ब्रेंट कच्चे माल का इस्तेमाल कर ही शोधनशालाओं में इससे पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बनाए जाते है। ब्रेंट 80 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। अनुबंधों के मूल्य निर्धारण के अनुसार एचपीसीएल और बीपीसीएल को बेचे जाने वाले तेल के लिए ओएनजीसी को 80 डॉलर के साथ 0.8 डॉलर मिलेंगे।
ओएनजीसी मुंबई तट के पास अरब सागर में अपने क्षेत्रों से प्रति वर्ष 1.3-1.4 करोड़ टन कच्चे तेल का उत्पादन करती है।
सरकार ने पिछले साल जून में उस नियम को समाप्त कर दिया था जिसमें कहा गया था कि 1999 से पहले दिए गए ब्लॉक से तेल सरकार द्वारा नामित ग्राहकों, ज्यादातर सरकारी रिफाइनर को बेचा जाना चाहिए। पुराने नियम के कारण ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसे उत्पादकों को सर्वोत्तम बाजार मूल्य नहीं मिल पाते थे।
नियम परिवर्तन के बाद ओएनजीसी ने पश्चिमी अपतटीय में मुंबई हाई और पन्ना/मुक्ता क्षेत्रों से उत्पादित कच्चे तेल की त्रैमासिक नीलामी शुरू की।