कभी सोचा है! आर्मी की कैंटीन में हर चीज सस्ती क्यों मिलती है? डिस्काउंट नहीं ये है असली कारण

CSD Canteen

केंद्र सरकार ने सेना के जवानों के लिए कैंटीन भंडारण विभाग (CSD) की सुविधा दी है। जहां बाजार के मुकाबले काफी सस्ता सामान जवानों को उपलब्ध कराया जाता है।हम आम बोलचाल की भाषा में CSD को आर्मी कैंटीन भी कहते हैं। लोगों के मन में यह सवाल अक्सर उठता है कि आखिर आर्मी कैंटीन में सामान इतने सस्ते दामों पर कैसे मिल जाता है। चलिए आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे। आइए शुरू करते हैं…

क्या है कैंटीन भंडारण विभागकैंटीन भंडारण विभाग (Canteen Stores Department) रक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत जवानों को कम दरों पर सामान उपलब्ध कराने का भारत सरकार का एक उपक्रम है। जिसकी शुरुआत 1948 में की गई थी। इसे सैन्य बलों द्वारा ही संचालित किया जाता है। इसके स्टोर सभी प्रमुख सैनिक अड्डों पर खुले हुए हैं। देश में अलग-अलग मिलिट्री स्टेशन पर CSD डिपो बने हुए हैं। यहीं से URC में समान की सप्लाई की जाती है। लेह से लेकर अंडमान तक इसके लगभग 34 डिपो हैं और करीब 3700 यूनिट रन कैंटीन (URC) हैं। हर तीन महीने में फीडबैक लिया जाता है। ओपन मार्केट में जो सामान होता है उसमें से कुछ भी सामान की डिमांड लाभार्थी कर सकते हैं। यह फीड बैक फिर हेड ऑफिस भेजा जाता है और एक कमिटी देखती है कि क्या-क्या सामान खरीद कर कैंटीन में उपलब्ध कराना है।

इन्हें मिलता है सीएडी का लाभ

तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) के जवानों और उनके परिजनों के साथ ही पूर्व सैनिकों और उनके डिपेंडेंट को मिलाकर सीएसडी के लगभग डेढ़ करोड़ लाभार्थी हैं। सेना के आदेश एओ 32/84 के अनुसार, भूतपूर्व सैनिक और उनके परिवार और कम से कम 5 साल की सेवा वाले पूर्व रक्षा कर्मी इकाइयों / प्रतिष्ठानों में उपलब्ध सीएसडी (आई) कैंटीन सुविधाओं के हकदार हैं। चिकित्सा आधार पर निकाले गए कैडेट/भर्ती भी कैंटीन भंडारण विभाग की सुविधाओं का लाभ उठाने के हकदार हैं। भारत में कैंटीन सेवाओं का (संचालक मंडल) बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर कैंटीन सर्विसेस है। जिसके अध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं। कैंटीन भंडारण विभाग में प्रसाधन सामाग्री, घरेलू आवश्यकताओं की वस्तुएं, सामान्य उपयोग की वस्तुएं, घड़ियां और स्टेशनरी, शराब, खाद्य और औषधीय वस्तुएं, जूते, चार पहिया वाहन, दो पहिया वाहन और व्हाइट गुड्स के साथ स्टोर में चार हजार से अधिक उत्पाद मिलते हैं। इन सभी उत्पादों और ब्रांडों की जानकारी कार्यालय वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। टैक्स में मिलती है छूटसीएसडी कैंटीनों में सालाना लगभग दो अरब डॉलर से अधिक मूल्य के सामन की बिक्री होती है। सीएसडी कैंटीन में सरकार जीएसटी कर में 50 फीसदी की छूट देती है। जिसकी वजह से यहां सामान आधे दामों पर मिलता है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी समान पर बाजार में पांच फीसदी जीएसटी लगती है तो कैंटीन के लिए वह 2.5 फीसदी होगी। सरकार ने एक जवान के प्रति माह सामान खरीदने की सीमा में कटौती की है। अब सेना के जवान एक तय सीमा में ही सामान खरीद सकेंगे।

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