नयी दिल्ली, सार्वजनिक क्षेत्र की एआई इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल) तेजी से बढ़ रहे नागर विमानन क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करना चाहती है और रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) खंड की सेवाओं के लिए तीन से चार विदेशी एयरलाइंस से बात कर रही है।
एमआरओ खंड की प्रमुख कंपनी एआईईएसएल दीर्घकालिक अनुबंध के लिए एक प्रमुख घरेलू एयरलाइन से भी बात कर रही है।
सरकार अपने स्वामित्व वाली इस कंपनी का विनिवेश करना चाह रही है। कंपनी ने पिछले तीन साल में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का औसत वार्षिक राजस्व अर्जित किया है।
एआईईएसएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शरद अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी ने सितंबर से कुवैत एयरवेज के विमानों की जांच शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा, “वर्तमान में एआईईएसएल एयर इंडिया और स्पाइसजेट सहित विभिन्न एयरलाइंस के विमानों के लिए रखरखाव का काम करती है… हम दीर्घकालिक अनुबंध के लिए एक अग्रणी विमानन कंपनी के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा तीन-चार विदेशी एयरलाइंस के साथ भी एमआरओ कार्यों के लिए बात चल रही है।”
इंडिगो के कुछ विमानों का रखरखाव भी एआईईएसएल कर रही है।
एआईईएसएल को बोइंग 737 मैक्स विमानों के लिए कुछ जांच करने के लिए सरकार से मंजूरी भी मिल गई है।