हमारा मकसद चीन के साथ संबंधों को जिम्मेदारी से संभालना है: अमेरिका

सैन फ्रांसिस्को,  चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक के एक दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उनका इरादा चीन के साथ संबंधों को जिम्मेदारी से संभालना है।

बाइडन ने एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के मुख्यकार्यकारी अधिकारियों के शिखर सम्मेलन में बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘मेरा इरादा अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी से संभालना हैं, इसके बारे में कल मेरे और शी के बीच संक्षिप्त चर्चा हुई थी। पूरी दुनिया हमसे यही उम्मीद रख रही है और मेरा आपसे वादा है कि यह करेंगे।’’

इससे एक दिन पहले अमेरिका और चीन के राष्ट्रपतियों के बीच चार घंटे से भी अधिक समय तक द्विपक्षीय बातचीत हुई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने कल शी से मुलाकात की और इसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि हमारे बीच किसी प्रकार की गलतफहमी नहीं हो। मैंने उनसे दुनिया के किसी भी नेता से अधिक मुलाकात की है क्योंकि जब मैं उपराष्ट्रपति था तब मुझ पर उनके बारे में और जानने समझने की जिम्मेदारी थी…।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि शी के साथ उनकी चर्चा हमेशा स्पष्ट और रचनात्मक रही है।

बाइडन ने कहा, ‘‘ इससे पहले हमारे बीच 68 घंटे की निजी बैठकें हुईं… मैंने राष्ट्रपति शी से पुन: जोर देरकर कहा कि अमेरिका संघर्ष नहीं चाहता और कल हमने सेन से सेना के बीच संचार चैनलों को फिर से शुरू करने की घोषणा की ताकि दुर्योग से गलत आकलन करने के जोखिम को कम किया जा सके। ’’

बाइडन ने कहा, ‘‘हमने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए भी लक्षित कार्रवाई की है। हम अपने मूल्यों और अपने हितों के प्रति दृढ़ रहेंगे।’’

बाइडन ने कहा कि अमेरिका प्रशांत क्षेत्र में शक्तिशाली बना रहेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी राष्ट्रपति शी के साथ संक्षिप्त बातचीत हुई और मैंने उन्हें याद दिलाया कि हमारी प्रशांत क्षेत्र में इतनी दिलचस्पी क्यों है, क्योंकि हम प्रशांत देश हैं और हमारे कारण क्षेत्र में शांति और सुरक्षा है और जिसके कारण आप आगे बढ़ रहे हैं। वह इससे असहमत नहीं हुए।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका के एपेक अर्थव्यवस्थाओं के साथ गहरे संबंध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी निर्यात का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा साथी एपेक अर्थव्यवस्थाओं को जाता है। अमेरिका और एपेक देशों के बीच दोतरफा निवेश पूरे क्षेत्र में अच्छी नौकरियों और नए अवसरों के द्वार खोलता है।’’