नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) मजबूत वैश्विक रुझानों के बीच सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत 300 रुपये बढ़कर 1,32,300 रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जबकि सोना अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से 500 रुपये घट गया।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला मानक सोना सोमवार को 500 रुपये गिरकर 1,13,300 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गया, जिससे इसकी चार दिनों की बढ़त का सिलसिला टूट गया। शुक्रवार को यह 700 रुपये बढ़कर 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।
इसके साथ ही 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 500 रुपये की गिरावट के साथ 1,12,800 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गया। पिछले बाजार सत्र में यह 1,13,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
दूसरी ओर, चांदी 300 रुपये बढ़कर 1,32,300 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। शुक्रवार को यह 1,32,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
सर्राफा व्यापारियों ने कहा कि चांदी की निरंतर वृद्धि निवेशकों की बढ़ती रुचि और इसकी औद्योगिक मांग के प्रति आशावाद को दर्शाती है, साथ ही कमजोर अमेरिकी श्रम बाजार ने आसान मौद्रिक नीति पर दांव लगाने को बढ़ावा दिया है।
चालू कैलेंडर वर्ष में चांदी की कीमतें 31 दिसंबर, 2024 के 89,700 रुपये प्रति किलोग्राम से 42,600 रुपये प्रति किलोग्राम या 47.5 प्रतिशत बढ़ गई हैं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘सोमवार को सोने में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारी सतर्क रहे और बहुप्रतीक्षित फेडरल रिजर्व की नीति बैठक से पहले नई खरीदारी से परहेज किया।’’ फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक 16 सितंबर से शुरू होकर 17 सितंबर को समाप्त होगी, जिसमें नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे।
वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना मामूली बढ़त के साथ 3,645.12 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी 42.20 डॉलर प्रति औंस पर बोली गई।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में तनाव और पूर्वी यूरोप में नाटो की नई भागीदारी सोने के लिए जोखिम प्रीमियम प्रदान करती रही है।’’
मोदी ने आगे कहा कि बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान की नीतिगत बैठकों में इस सप्ताह आने वाले अमेरिकी खुदरा बिक्री और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों पर नजर रहेगी। इन रुझानों से निकट भविष्य में सर्राफा कीमतें प्रभावित होंगी।