बीजिंग, चीन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन पर होने वाली बैठक से पहले इस समस्या के समाधान के लिए तेजी से कदम उठाने का वादा किया है। दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई है कि वे कार्बन डाइ ऑक्साइड के अलावा मीथेन और अन्य ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए कदम उठाएंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के बीच शिखर सम्मेलन स्तर की बैठक की पूर्व संध्या पर जारी संयुक्त बयान में यह घोषणा की गई। यह बैठक अमेरिका और चीन के तनावग्रस्त संबंधों को स्थिर करने के उद्देश्य से हो रही है।
दुबई में दो सप्ताह के भीतर संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन पर होने वाली बैठक से पहले दुनिया के दो सबसे अधिक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जकों के बीच सहयोग को अहम माना जा रहा है। इस साल के शुरुआत में स्पष्ट नहीं था कि दोनों देशों की सरकार सहयोग करेंगी क्योंकि प्रौद्योगिकी, ताइवान और यूक्रेन युद्ध जैसे मुद्दों को लेकर दोनों देशों के संबंध काफी खराब हो गए थे।
बीजिंग में बुधवार को और वाशिंगटन में मंगलवार को जारी बयान में कहा गया कि दोनों देश ‘‘ उनकी अहम भूमिका को लेकर सजग हैं’’ और ‘‘ मिलकर काम करेंगे…ताकि हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौती का मिलकर सामना किया जा सके।’’
उन्होंने 2030 तक वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए जी20 द्वारा की गई प्रतिज्ञा को दोहराया। दोनों देश जी20 के सदस्य हैं।