लंदन,उस उम्र में, जब महाराजा चार्ल्स तृतीय के ज्यादातर समकक्ष काफी पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं, वह सक्रिय बने हुए हैं और मंगलवार को अपना 75वें जन्म दिन पर भी सार्वजनिक कार्यों में व्यस्त हैं।
महारानी कैमिला के साथ, चार्ल्स उस परियोजना का दौरा करेंगे जो भोजन वितरित कर जरूरतमंदों की मदद करता है। इसके बाद, वह 400 नर्सों के लिए एक पार्टी की मेजबानी करेंगे।
लोक कल्याणकारी कार्य करने के लिए, महाराजा ‘बिग इश्यू’ पत्रिका के इस महीने के कवर पृष्ठ पर नजर आएंगे, जो हाशिये पर मौजूद लोगों को सड़कों पर पत्रिकाएं बेचकर पैसे कमाने का अवसर देता है।
ब्रिटिश राज सिंहासन पर चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी को 14 महीने हो चुके हैं।
अपनी दिवंगत मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सात दशक के शासन के बाद, चार्ल्स ने यह प्रदर्शित करने की कोशिश की है कि राजशाही आधुनिक ब्रिटिश समाज में प्रासंगिक बना हुआ है।
उन्होंने तीन विदेश दौरे किये, दासता से राजशाही के संबंधों की जांच कर रहे शोधार्थियों के लिए शाही अभिलेखागार को खोला और केन्या के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान वहां के निवासियों पर की गई हिंसा पर दुख व अफसोस जताया।
इतिहासकार और ‘आफ्टर एलिजाबेथ: कैन द मोनार्की सेव इटसेल्फ?’ के लेखक एड ओवेन्स ने कहा कि चार्ल्स का शासन शुरू हो चुका है लेकिन उन्हें अब भी भविष्य के लिए एक स्पष्ट दृष्टि पेश करने की जरूरत है।
ओवेन्स ने कहा, ‘‘यह राजशाही के लिए एक कठिन क्षण है क्योंकि यह परिवर्तन के दौर से गुजर रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘और मैं बस यही चाहता हूं कि महाराजा और उनके उत्तराधिकारी अधिक स्पष्ट रूप से बताएं कि वे क्या करना चाहते हैं, बजाय इसके कि ब्रिटिश जनता राजशाही से क्या चाहती है।’’