चीन के दर्जनों जहाजों ने फिलीपीन के पोत का पीछा किया, घेराबंदी की

बीआरपी काबरा से,दक्षिण चीन सागर में जब अमेरिकी नौसेना का एक निगरानी विमान करीबी नजर रखते हुए गोल-गोल उड़ान भर रहा था, दर्जनों चीनी तटरक्षक जहाजों ने फिलीपीन के जहाजों का पीछा किया और उन्हें घेर लिया।

शुक्रवार को चार घंटे तक चले इस टकराव के दौरान, एक चीनी तटरक्षक जहाज ने फिलीपीन की उस मोटरबोट की ओर पानी की बौछार की, जो सेकंड थॉमस शोल में फिलीपीन के युद्धपोत पर तैनात सैनिकों को भोजन और अन्य रसद पहुंचाने के लिए आया था।

चीन लगभग पूरे रणनीतिक जलमार्ग पर अपना दावा करता है तथा इसे लेकर उसका छोटे पड़ोसी देशों के साथ अक्सर टकराव होता है।

अमेरिका और उसके सहयोगियों ने नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने, प्रतिरोध खड़ा करने और फिलीपीन जैसे सहयोगियों को आश्वस्त करने के लिए नौसेना के जहाजों और लड़ाकू विमानों को तैनात कर रखा है।

ऐसी आशंकाएं हैं कि सेकंड थॉमस शोल में बार-बार होने वाले टकराव से सशस्त्र संघर्ष भड़क सकता है, जो अमेरिका और चीन को आमने-सामने ला सकता है।



फिलीपीन के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि वे कभी भी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे बड़ा संघर्ष भड़क सकता हो, लेकिन दक्षिण चीन सागर में देश के संप्रभु अधिकारों की रक्षा करने से पीछे नहीं हटेंगे।

चीनी नाकेबंदी के बावजूद, फिलीपीन की टुकड़ी बीआरपी सिएरा माद्रे पर सवार फिलीपीन के नौसैनिकों को खाद्य एवं जरूरी रसद की आपूर्ति करने में कामयाब रही।

फिलीपीन तटरक्षक ने कहा कि शुक्रवार को सेकेंड थॉमस शोल के आसपास कम से कम 38 चीनी जहाज देखे गए।

फिलीपीन तटरक्षक जहाजों में से एक, बीआरपी काबरा को चीनी तटरक्षक और अन्य जहाजों ने पांच बार घेर लिया था, लेकिन हर बार वह उनसे दूर जाने में कामयाब रहा।

वाशिंगटन ने शुक्रवार के टकराव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दोहराया कि वह ‘दक्षिण चीन सागर में चीन के बार-बार उत्पीड़न का सामना कर रहे’ अपने पुराने सहयोगी फिलीपीन के साथ खड़ा है। अमेरिका ने कहा कि वह 1951 की संधि के तहत फिलीपीन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।