सिंगापुर, 13 सितंबर (भाषा) भारतीय रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) अपने यूनिटधारकों को औसतन 6-7.5 प्रतिशत का सालाना प्रतिफल दे रहे हैं, जो अमेरिका सहित कई परिपक्व बाजारों से बेहतर है।
क्रेडाई और एनारॉक की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र की शीर्ष संस्था क्रेडाई और संपत्ति सलाहकार एनारॉक ने यहां एक कार्यक्रम में ‘भारतीय आरईआईटी – संस्थागत रियल एस्टेट का प्रवेश द्वार’ नामक एक रिपोर्ट जारी की।
इस समय भारत में पांच सूचीबद्ध आरईआईटी हैं- ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट, एम्बेसी ऑफिस पार्क्स आरईआईटी, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स आरईआईटी, नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट और नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट।
इस संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया, ”भारतीय आरईआईटी का औसत प्रतिफल छह प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के बीच है, जो निश्चित आय वाले निवेश साधनों का मुकालबा करते हैं, लेकिन इसमें पूंजी वृद्धि की अतिरिक्त संभावना भी है।”
रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर अन्य आरईआईटी बाजारों की तुलना में भारत अभी भी अमेरिका, सिंगापुर और जापान जैसे परिपक्व बाजारों से पीछे है। हालांकि, भारत में जोखिम-समायोजित प्रतिफल आकर्षक बने हुए हैं।
एनारॉक कैपिटल के सीईओ शोभित अग्रवाल ने कहा, ”भारतीय आरईआईटी देर से उभरे हैं, लेकिन अब वे अग्रणी हैं। वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में देर से प्रवेश करने के बावजूद, भारत के बुनियादी सिद्धांत मजबूत हैं।” उन्होंने आगे कहा कि वितरण प्रतिफल अमेरिका और सिंगापुर जैसे कई परिपक्व बाजारों से काफी बेहतर हैं।”
अमेरिका में औसत प्रतिफल 2.5-3.5 प्रतिशत, सिंगापुर में 5-6 प्रतिशत और जापान में 4.5-5.5 प्रतिशत है।
क्रेडाई के अध्यक्ष शेखर पटेल ने कहा कि जैसे-जैसे भारत के शहर विकसित होंगे, बुनियादी ढांचा मजबूत होगा और अर्थव्यवस्था की विविधता बढ़ेगी, वैसे-वैसे रीट का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि यह बदलाव निवेशकों के लिए अभूतपूर्व अवसर खोलेगा।