रसोई का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत पर

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नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में मासिक आधार पर बढ़कर 2.07 प्रतिशत हो गई। मुख्य रूप से सब्जियों, मांस और मछली की कीमतों में वृद्धि के कारण महंगाई बढ़ी है।

शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इससे पिछले महीने जुलाई में यह 1.61 प्रतिशत थी।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में नौ महीनों तक लगातार गिरावट के बाद मुद्रास्फीति में यह वृद्धि हुई है। नवंबर 2024 से इसमें गिरावट आ रही थी।

हालांकि सालाना आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति में कमी आई है। बीते वर्ष अगस्त में यह 3.65 प्रतिशत थी। इस दौरान खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से नीचे यानी इसमें 0.69 प्रतिशत की गिरावट आई।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने कहा, ”अगस्त 2025 के दौरान सकल मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि मुख्य रूप रूप से सब्जियों, मांस और मछली, अंडे, तेल और वसा, व्यक्तिगत देखभाल और खाद्य उत्पादों के महंगा होने के कारण हुई।”

सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति चार प्रतिशत पर बनाये रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।

ग्रामीण भारत में मुद्रास्फीति जुलाई के 1.18 प्रतिशत से बढ़कर अगस्त में 1.69 प्रतिशत हो गई। देश के शहरी क्षेत्रों में, यह मासिक आधार पर 2.1 प्रतिशत की तुलना में 2.47 प्रतिशत रही।

राज्यों में, सबसे अधिक मुद्रास्फीति केरल में 9.04 प्रतिशत और सबसे कम असम (-0.66 प्रतिशत) में रही।

आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अगस्त 2025 में मासिक आधार पर सीपीआई मुद्रास्फीति में वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य और पेय पदार्थ खंड के कारण हुई।

उन्होंने कहा, ”आगे खरीफ बुवाई के अच्छे रुझानों के बावजूद, अगस्त 2025 के अंत और सितंबर 2025 की शुरुआत में देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ से फसल की पैदावार और कीमतें प्रभावित हो सकती हैं। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।”

सीपीआई के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में आवास मुद्रास्फीति 3.17 प्रतिशत के मुकाबले 3.09 प्रतिशत रही।

एनएसओ ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करते हुए चयनित 1,181 गांवों और 1,114 शहरी बाजारों से मूल्य आकंड़े एकत्र किए।

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