नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) देश में खेल संस्कृति के विकास की प्रक्रिया को सिलसिलेवार और सतत बनाने पर जोर देते हुए खेलमंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र के साथ शीर्ष पांच खेल महाशक्तियों में शामिल करने के लिये 10 वर्षीय और 25 वर्षीय योजना बनाई गई है जिस पर जल्दी ही अमल होगा ।
मांडविया ने कहा ,‘‘ भारत की आजादी के सौ साल पूरे होने पर देश को विकसित राष्ट्र बनाने और शीर्ष पांच खेल देशों में शामिल करने का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिया है।इसके लिये योजना तैयार कर ली गई है जो जल्दी ही देश के सामने आयेगी । इसे लागू करने के लिये नीतिगत बदलाव करने होंगे और हम इस पर जल्दी ही अमल करेंगे ।’’
यहां स्पोटर्सस्टार प्लेकॉम ‘ बिजनेस आफ स्पोटर्स समिट 2025’ में खेलमंत्री ने कहा ,‘‘हमें ऐसी कार्य संस्कृति तैयार करनी होगी जिसमें प्रतिभा को तलाशने और तराशने का काम व्यवस्थित तरीके से हो । इसके साथ ही दुनिया भर के देश भारत में लीग खेलने आयें । हमें खेल कोटे से नौकरी कर रहे अपने पूर्व खिलाड़ियों के कौशल का भी पूरा इस्तेमाल करना होगा ।’’
खेलमंत्री ने कहा कि देश में खेलों का इकोसिस्टम तैयार करने और खेलों को जीवनशैली का हिस्सा बनाने के लिये क्रमबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है ।
उन्होंने कहा ,‘‘इसके लिये मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले चरण में फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसी मुहिम शुरू की गई । खिलाड़ियों को तमाम सुविधायें, अनुभव और आधुनिक कोचिंग देने के लिये टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) शुरू हुई । इसके बाद विजन दस्तावेज की जरूरत पड़ी तो हम खेल नीति लेकर आये ।’’
उन्होंने कहा कि खेलों में अच्छे प्रशासन के लिये सरकार खिलाड़ियों को केंद्र में रखकर खेल प्रशासन विधेयक लेकर आई जिससे खेल महासंघ अदालती विवादों में मसरूफ रहने की बजाय खिलाड़ियों पर फोकस रख सकें ।
उन्होंने कहा ,‘‘ पहले खेल महासंघों के 350 से ज्यादा विवाद अदालतों में थे । इस बिल में उनके निपटान की त्वरित व्यवस्था का प्रावधान भी है । खिलाड़ियों के हितों की रक्षा और महिलाओं का खेल महासंघों में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिये विशेष प्रावधान हैं ।’’
मांडविया ने कहा कि भारत में दूर दराज के इलाकों की प्रतिभाओं को मौके देने के लिये मजबूत इकोसिस्टम तैयार करना जरूरी है ।
उन्होंने कहा ,‘‘हमने दुनिया भर में कैसे काम हो रहा है, वह देखा लेकिन अपना मॉडल बनाया । भारत की भौगोलिक विविधता का फायदा उठाते हुए खेलों का विकास सुनिश्चित करना है ।आने वाले समय में हम खेल सेक्टर में आने वाले बदलावों को महसूस कर सकते हैं । हमारा लक्ष्य हर पोडियम पर भारत का परचम लहराना होना चाहिये ।’’
खेलमंत्री ने कहा ,‘‘इसके लिये खेलों को जन आंदोलन में बदलना होगा । हमें खेलों से जुड़े हर हितधारक को साथ लेकर आगे बढना है और यह एक सामूहिक मिशन होना चाहिये जिससे हर नागरिक जुड़ा हो और भारत में खेलों की प्रगति में योगदान दे सके ।’’