वाराणसी, 11 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ व्यापक वार्ता के बाद कहा कि भारत और मॉरीशस स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार को सक्षम बनाने की दिशा में काम करेंगे।
मोदी ने मीडिया को दिए बयान में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत और मॉरीशस दो देश हैं, लेकिन उनके सपने और नियति एक हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक मुक्त, खुला, सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर भारत और मॉरीशस दोनों की साझा प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में, भारत मॉरीशस के विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा और समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत हमेशा हिंद महासागर क्षेत्र में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले और व्यापक सुरक्षा प्रदाता के रूप में खड़ा रहा है।’’
मोदी ने चागोस द्वीप की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपे जाने के लिए हुए समझौते पर रामगुलाम और मॉरीशस के लोगों को बधाई दी और इसे द्वीपीय राष्ट्र की संप्रभुता की ‘ऐतिहासिक जीत’ बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा से उपनिवेशवाद के उन्मूलन और मॉरीशस की संप्रभुता की पूर्ण मान्यता का समर्थन किया है। और इस मामले में, भारत मॉरीशस के साथ मजबूती से खड़ा है।’’
मई में, ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक समझौते के तहत डिएगो गार्सिया के उष्णकटिबंधीय प्रवालद्वीप सहित चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने का फैसला किया।
ब्रिटेन 50 से अधिक वर्षों के बाद इन द्वीपों पर अपना अधिकार छोड़ रहा है।
इस समझौते के तहत, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण डिएगो गार्सिया की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी ब्रिटेन की होगी।
रामगुलाम वर्तमान में 9 से 16 सितंबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर हैं।
यह रामगुलाम की उनके वर्तमान कार्यकाल में भारत की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है।
वह अयोध्या और तिरुपति भी जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च में मॉरीशस की यात्रा की थी।