आइल ऑफ मैन (ब्रिटेन), आर वैशाली और विदित गुजराती ने भारत को दोहरी सफलता दिलाते हुए फिडे ग्रैंड स्विस शतरंज टूर्नामेंट में क्रमशः महिला और ओपन वर्ग के खिताब जीते तथा प्रतिष्ठित कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया।
वैशाली ने रविवार की रात को खेले गए 11वें और अंतिम राउंड में मंगोलिया की बटखुयाग मुंगुटुउल के साथ बाजी ड्रॉ कराई जबकि विदित ने सर्बिया की एलेक्जेंडर प्रेडके को हराकर प्रतियोगिता में अपनी सातवीं जीत दर्ज की और ओपन वर्ग में शीर्ष स्थान हासिल किया।
वैशाली और विदित दोनों ने समान 8.5 अंक बनाए और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से आधा अंक के अंतर से खिताब जीते।
अगले साल अप्रैल में कनाडा में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने के अलावा वैशाली को 25000 अमेरिकी डॉलर (20 लाख रुपये से अधिक), जबकि विदित को 80000 अमेरिकी डॉलर (66 लाख रुपये से अधिक) का पुरस्कार मिला।
महिला वर्ग में दूसरा स्थान यूक्रेन की अन्ना मुज्यचुक को मिला जिन्होंने स्वीडन की अनुभवी ग्रैंडमास्टर पिया क्रैम्लिंग से ड्रॉ खेला। कैंडिडेट्स में जगह बनाने वाली दूसरी महिला खिलाड़ी तान झोंग्यी थीं जो यहां तीसरे स्थान पर रहीं। मुज्यचुक विश्व महिला कप से पहले ही क्वालीफाई कर चुकी थी।
ओपन वर्ग में हिकारू नाकामुरा ने भारत के अर्जुन एरिगैसी के साथ बाजी ड्रॉ खेली। इस तरह से भारतीय खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में अजेय रहा लेकिन उन्हें चौथे स्थान से ही संतोष करना पड़ा।
वैशाली ग्रैंड स्विस टूर्नामेंट जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी है। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में उनके अलावा भारत की पहली महिला ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी के भी भाग लेने की संभावना है। हंपी अपनी ऊंची रेटिंग के कारण इस टूर्नामेंट में जगह बना सकती है लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा जनवरी 2024 में की जाएगी।
अभी वैशाली भारतीय शतरंज की नई स्टार हैं। उनकी निगाह यहां स्वर्ण पदक जीतने पर टिकी थी। ग्रैंड मास्टर की उपाधि हासिल करने के लिए उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। डी हरिका 2011 में महिला वर्ग से भारत की दूसरी ग्रैंडमास्टर बनी थी।