दीपावली के दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए अखंड दीपक जलाना पूजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और दीपक जलाते समय शुभ शगुन होता है तो धन-धान्य की वृद्धि होती है और यदि अपशगुन हो तो शांति पाठ करना चाहिए। दीपक शुद्ध घी का होना चाहिए, अगर गाय का घी हो तो सोने पे सुहागा है।
दीपक जलाते समय
* श्रद्धेय व पूजनीय व्यक्ति का आगमन हो तो शुभ है।
* सजी-धजी सुहागिन महिला सामने आ जाए तो शुभ होता है।
* हाथी, घोड़ा, गाय का आना शुभ है तो काले चूहे-बिल्ली का आना अशुभ है।
* सफेद चूहे या छिपकली का नजर आना भी शुभकारी है।
* दीपक की ज्वाला सीधी हो तो सिद्धिदायक है। दीपक की लौ का रंग सफेद हो तो लक्ष्मी वर्धक होता है और यदि लौ का रंग काला हो धनहानि का संकेत है।
* दीपक की लौ चट-चट की आवाज करे या दीया टूट जाए तो अशुभ होता है। दीपक यदि अनायास बुझ जाए तो अपने प्रिय व्यक्ति के वियोग होने का संकेत है।
पूजा के समय
* पूजा के समय संयोग के स्वास्तिक चिन्ह बड़ा बन जाए या कपड़ों पर रोली या शहद गिर जाए अथवा लक्ष्मी जी पर चढ़ा फूल स्वत: गिर जाए तो लाभ होता है। यदि नारियल फोडऩे पर उसमें बीज निकले तो शुभकारी है।
* घर के मुख्य द्वार पर आकर गाय गोबर कर दे तो उस वर्ष आशा से ज्यादा धन लाभ होता है।
* यदि रसोई घर में आकर बिल्ली दूध पी जाए तो यह लाभ के संकेत हैं।
* स्वयं के जूते-चप्पल खो जाएं तो शुभ है।
दीपावली और स्वप्न
* दीपावली को स्वप्न में लक्ष्मी की पूजा करते हुए स्वयं को या किसी को भी देखना, सफेद हाथी, सुहागिन स्त्री, कुंभ कलश, स्वास्तिक,चांदी के बर्तन व जेवर और स्वयं को बगीचे में टहलते हुए देखना लाभ का संकेत है।