दुबई, नौ सितंबर (एपी) विशेषज्ञों ने मंगलवार को बताया कि एक जहाज गुजरने के कारण लाल सागर में बिछी केबल्स संभवत: कट गईं, जिससे अफ्रीका, एशिया और पश्चिम एशियाई देशों में इंटरनेट सेवा बाधित हो गई है। इन घटनाओं से केबल्स को मौजूद खतरे का पता चलता है क्योंकि एक साल पहले भी इसी तरह केबल्स कट जाने से इंटरनेट सेवा बाधित गई थी।
सैटेलाइट कनेक्शन और जमीनी केबलों के साथ, समुद्र के नीचे बिछाई जाने वाली केबल्स को इंटरनेट की रीढ़ की हड्डी समझा जाता है।
अंतरराष्ट्रीय केबल संरक्षण समिति ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया कि 15 पनडुब्बी केबल संकीर्ण ‘बाब अल-मंडेब’ जलडमरूमध्य से होकर गुजरते हैं, जो लाल सागर का दक्षिणी मुहाना है और पूर्वी अफ्रीका को अरब प्रायद्वीप से अलग करता है।
जलडमरूमध्य एक संकरी जलधारा होती है, जो दो बड़े जल निकायों (जैसे: समुद्र या महासागर) को आपस में जोड़ती है और अक्सर जमीन के दो टुकड़ों के बीच स्थित होती है।
सप्ताहांत के दौरान कई देशों के प्राधिकारियों ने प्रभावित केबलों की पहचान ‘दक्षिण पूर्व एशिया-पश्चिम एशिया-पश्चिमी यूरोप 4’, ‘भारत-पश्चित एशिया-पश्चिमी यूरोप’ और ‘फाल्कन जीसीएक्स’ केबल के रूप में की है।
केंटिक फर्म में इंटरनेट विश्लेषण के निदेशक डग मैडोरी ने बताया कि मंगलवार को इस सूची में ‘यूरोप इंडिया गेटवे’ केबल को भी शामिल कर लिया गया है।
आमतौर पर इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के पास कई पहुंच बिंदू (केबल से संबंधित) होते हैं और अगर कोई एक खराब हो जाता है तो वे इंटरनेट ट्रैफिक का मार्ग (रूट) बदल देते हैं। हालांकि, इससे इंटरनेट की गति घट सकती है और उपयोगकर्ता की ब्राउजिंग पर असर पड़ता है।
शुरुआती रपटों से साफ हुआ है कि केबल्स सऊदी अरब के जेद्दा तट पर कटी हैं लेकिन सऊदी अरब के प्राधिकारियों और केबल का प्रबंधन करने वाली कंपनियां दोनों इसकी जिम्मेदारी लेने से पीछे हट गईं। इससे एशिया और इसके पश्चित एशियाई देशों में इंटरनेट की पहुंच बाधित हुई है।
समिति के परिचालन प्रबंधक जॉन रॉटस्ले ने एपी को बताया, “प्रारंभिक स्वतंत्र विश्लेषण से पता चलता है कि क्षति का संभावित कारण क्षेत्र में वाणिज्यिक नौवहन गतिविधि है।”