नयी दिल्ली, ब्रिटेन में वित्तपोषण हासिल करने के बाद टाटा स्टील अपने परिचालन को कॉर्बन-मुक्त (डीकार्बोनाइजेशन) करने की योजना के क्रियान्वयन के लिए नीदरलैंड सरकार से वित्तीय सहायता चाहती है।
टाटा स्टील ने अक्टूबर, 2021 में टाटा स्टील-यूके और टाटा स्टील-नीदरलैंड को टाटा स्टील-यूरोप से दो स्वतंत्र कंपनियों के रूप में अलग करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा, ‘‘नीदरलैंड में हम जल्द ही नियामकीय और वित्तीय सहायता के लिए वहां की सरकार को एक विस्तृत ‘डीकार्बोनाइजेशन’ प्रस्ताव देंगे।’’
टाटा स्टील-नीदरलैंड उत्सर्जन और स्वास्थ्य मानकों को लेते हुए अपने परिचालन को कॉर्बन-मुक्त करने के तौर तरीकों पर गहनता से काम कर रही है।
टाटा स्टील ने बयान में कहा कि दोनों पक्ष इस परियोजना की विस्तृत शर्तों पर चर्चा करेंगे।
इसमें कहा गया है कि टाटा स्टील का निदेशक मंडल उचित समय पर इस परियोजना को मंजूरी देने को लेकर विचार करेगा।
कंपनी ने नीदरलैंड में अपने परिचालन को कॉर्बन-मुक्त करने की योजना पर और जानकारी नहीं दी है।
नीदरलैंड में कंपनी के पास आईम्यूदेन में 70 लाख टन सालाना क्षमता का संयंत्र है। कंपनी का लक्ष्य यूरोप में 2050 तक सीओ2-निरपेक्ष इस्पात का उत्पादन करने का है।
इससे पहले 15 सितंबर को टाटा स्टील और ब्रिटेन सरकार ने कंपनी के पोर्ट टालबोट इस्पात संयंत्र की डीकार्बोनाइजेशन योजनाओं के लिए 1.25 अरब पाउंड के संयुक्त निवेश पर सहमति दी है। टाटा स्टील ने कहा कि इस 1.25 अरब पाउंड में से 50 करोड़ डॉलर योगदान ब्रिटेन सरकार का होगा।