दीपावली पर खुद-ब-खुद कुछ नया करने, कुछ बदल देने की इच्छा होती है। मौसम में बदलाव मन में भी नया उत्साह भर देता है। सजावट, खरीदारी घर के सदस्यों के लिए उपहार, दोस्तों से मेल-मुलाकात और तमाम दूसरी तैयारियांं। मन में खुशियों के दीये जगमगाने लगते हैं। दीपावली की तैयारी पहले से ही कर लें। हां, इस तैयारी में परिवार के सब सदस्यों की मदद लें। इससे काम करने का उत्साह और उल्लास बना रहता है और थकान भी कम होती है।
कुछ बातों का ध्यान रखें
एक दिन खरीददारी के लिए रखिए और घर की सजावट का वह सब सामान खरीद डालिए, जिसकी योजना आप लंबे समय से बनाती रही हैं।
त्योहार के लिए विशेष परिधान और उपहार खरीदने के लिए अलग दिन तय करें।
दो दिन पहले ही तय कर लें कि दीपावली की शाम के लिए आप क्या स्पेशल पका रही हैं। उसके लिए बाजार से सामान मंगवाकर रख लें।
गमलों की साफ-सफाई कर उन पर गेरु कर लें।
घर के दरवाजे पर रंगोली जरूर सजाएं। घर के अंदर मिट्टी के एक चौड़े बरतन में देसी गुलाब के फूलों की पत्तियां डालकर रखें। वातावरण में ताजगी रहेगी और घर महक उठेगा। यह बरतन प्रवेश द्वार के बाहर भी रख सकती हैं।
अपनी व्यस्तता के बीच मित्रों या रिश्तेदारों से मिलने का समय जरूर निकालें।
उपहारों के लेन-देन का दबाव
मन पर न रखें। एक-दूसरे से मिल कर खुशी-खुशी समय बिताना किसी भी उपहार से कम कीमती नहीं है।
पटाखे चलाते समय सावधानी बरतें।
अगर किसी के प्रति मन में नाराजगी है तो उसे भूलकर नए सिरे से रिश्ता बनाएं।
जीवन की उदासी और परेशानियों से छुटकारा पाने का प्रयास करें। आखिर जिंदगी एक बार मिली है।
किसी गरीब बच्चे की पढ़ाई की जिम्मेदारी लेकर समाज के बदलाव में योगदान दें। किसी के जीवन में ज्ञान की रोशनी जलते हुए दीये से ज्यादा महत्वपूर्ण है।