श्री नारायण गुरु की शिक्षाएं विविध संस्कृतियों के सह-अस्तित्व को बढ़ावा देती हैं: आर्लेकर

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तिरुवनंतपुरम, सात सितंबर (भाषा) केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने रविवार को कहा कि संत एवं समाजिक सुधारक श्री नारायण गुरु समाज में विविध संस्कृतियों के सह-अस्तित्व के पक्षधर थे।

वह जिले के वर्कला स्थित शिवगिरी मठ में आयोजित 171वें श्री नारायण गुरु जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।

आर्लेकर ने कहा कि गुरु ने समाज को सद्भावनापूर्वक रहने का तरीका सिखाया। उन्होंने कहा, ‘‘समाज में विभिन्न संस्कृतियां और प्रथाएं हैं। गुरु ने हमें सह-अस्तित्व की शिक्षा दी। आज हमें इसी का अनुसरण करने की आवश्यकता है। तभी हम प्रगति कर सकते हैं।’’

राज्यपाल ने महाभारत की एक घटना का भी वर्णन किया, जब अर्जुन अपने ही सगे संबंधियों के खिलाफ युद्ध करने को लेकर असमंजस में थे और कैसे भगवान कृष्ण ने धर्म का पालन करने के लिए उनका मार्गदर्शन किया था।

उन्होंने कहा कि जब संस्कृति पर हमला होता है, तो लोग सही रास्ता अपनाने के बारे में अनिश्चित महसूस कर सकते हैं। आर्लेकर ने कहा, ‘‘ऐसी परिस्थितियों में हमें गुरु की शिक्षाओं का पालन करना चाहिए, जो हमें सही दिशा में ले जाएंगी।’’

उन्होंने कहा कि गुरु की शिक्षाएं किसी विशेष राज्य तक सीमित नहीं हैं।

आर्लेकर ने कहा, ‘‘देश के बाहर भी गुरु के अनुयायी हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुरु की शिक्षाओं और सिद्धांतों की कोई सीमा नहीं है; वे पूरे विश्व के लिए हैं। उनकी शिक्षाएं मानवता के लिए एक अनमोल धरोहर हैं। हमें गर्व होना चाहिए कि ऐसी पवित्र आत्मा हमारे बीच रही।’’

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