नयी दिल्ली, एल्युमिनियम उत्पादकों के शीर्ष निकाय भारतीय एल्युमिनियम संघ (एएआई) ने एल्युमिनियम कबाड़ पर मूल सीमा शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की मांग की है।
एएआई का कहना है कि भारत एल्युमिनियम कबाड़ का दुनिया में सबसे बड़ा ‘डंपिंग’ स्थल बन गया है जिससे बीते वित्त वर्ष में 3.7 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा खर्च हुई है।
एल्युमिनियम कबाड़ पर अभी आयात शुल्क 2.5 प्रतिशत है।
वित्त वर्ष 2022-23 में कुल एल्युमिनियम आयात में सालाना आधार पर 24 प्रतिशत वृद्धि हुई थी, जिसपर सात अरब डॉलर (56,291 करोड़ रुपये) की विदेशी मुद्रा खर्च हुई थी।
आयात के मामले में भारत कम गुणवत्ता वाले विदेशी कबाड़ के लिए पसंदीदा स्थान बना हुआ है।
सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में एएआई ने कहा, “विदेशी कबाड़ गुणवत्ता मानकों के अंतर्गत नहीं है इसलिए इसमें महत्वपूर्ण सुरक्षा और पर्यावरणीय जोखिम है। जवाब में, एएआई ने डंपिंग के खिलाफ एक मजबूत निवारक के रूप में कबाड़ आयात पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगाने की मांग की है।”
इसके अलावा, एएआई ने उचित अवसर पैदा करने के लिए प्राथमिक एल्युमिनियम आयात पर शुल्क 10-15 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग की है।