सभी आसनों में शवासन का एक अपना महत्त्व है। नाम से तो बहुत विचित्रा सा है, देखने से भी करना बहुत आसान लगता है पर वास्तव में यह इतना आसन नहीं है क्योंकि इस आसन को करते हुए मन पर नियन्त्राण रखना होता है जो कठिन है। मन चंचल है। उसे एकाग्र करना मुश्किल है।
वैसे शवासन एक आसन न होकर अपने आप में योग साधना है। यह आसन कल्याणकारी है जो योग साधना के मार्ग में आने वाली रूकावटों को सरल बनाकर धीमी गति से लगातार हमारी क्रियाओं को प्रभावित करता है। यही एकमात्रा ऐसा आसन है जो तनावों से और मानसिक व्याधियों से मुक्ति दिलाता है। इस आसन से मन, शरीर, प्राण तथा चित्त को स्फूर्ति व शक्ति मिलती है।
शवासन करते समय पीठ के बल धरती पर लेटकर शरीर को ढीला एवं सीधा रखना चाहिए। मन को नियंत्रित और शान्त करने लिए यह सबसे उत्तम आसन है।
आइये जानें शवासन से क्या-क्या लाभ होते हैंः-
शरीर व मन के दोष दूर होते हैं।
इससे थकान दूर होती है, मन को विश्राम मिलता है, मांसपेशियों का तनाव कम होता है और ताजगी महसूस होती है।
मन अन्तर्मुखी होता है।
पाचन क्रिया सुदृढ़ होती है।
अनिद्रा रोग से मुक्ति मिलती है।
शारीरिक और मानसिक स्थिरता मिलती है।
उच्च रक्तचाप और हृदय की व दिमागी दुर्बलता दूर होती है।
व्यक्तित्व में निखार आता है क्योंकि मन शांत होता है।