वर्ष 2021 में एक अरब से अधिक लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे: डब्ल्यूएचओ

0
who2

नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2021 में दुनिया भर में एक अरब से ज्यादा लोग (यानी लगभग हर सात में से एक व्यक्ति) मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। इनमें दो तिहाई से अधिक मामले चिंता (ऐंग्जाइटी) और अवसाद से जुड़े विकार के थे।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि ये विकार भारी मानवीय और आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने ‘वर्ल्ड मेंटल हेल्थ टुडे’ और ‘मेंटल हेल्थ एटलस 2024’ शीर्षक वाली रिपोर्टों में कहा है कि युवाओं में आत्महत्या मृत्यु का एक प्रमुख कारण है और दुनिया भर में 100 में से एक मौत आत्महत्या के कारण होती है।

रिपोर्ट के लेखकों ने यह भी कहा कि सिजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर क्रमशः 200 में से लगभग 1 और 150 में से 1 वयस्क को प्रभावित करते हैं जो प्रमुख चिंता का विषय हैं।

उन्होंने लिखा, ‘‘अपनी तीव्र अवस्था में सिजोफ्रेनिया को सभी स्वास्थ्य स्थितियों में सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचाने वाला माना जाता है और यह समाज के लिए प्रति व्यक्ति सबसे महंगा मानसिक विकार है।’’।

इस स्थिति की पहचान मतिभ्रम और अव्यवस्थित सोच से होती है।

ये निष्कर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रबंधित ‘ग्लोबल हेल्थ एस्टिमेट्स 2021’ और वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन द्वारा समन्वित ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरीज़ एंड रिस्क फैक्टर्स स्टडी 2021’ डेटाबेस के विश्लेषण पर आधारित हैं।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि ये अनुमान मानसिक विकारों की व्यापकता और बोझ को लेकर नवीनतम निष्कर्ष हैं और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में अंतराल के बारे में देश-वार जानकारी भी प्रकट करते हैं। ये 2020 में फैली कोविड-19 महामारी के बाद से यह इस तरह का पहला आकलन है।

रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि मानसिक स्वास्थ्य और देखभाल में निरंतर निवेश की तत्काल आवश्यकता है, साथ ही लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा और उसे बढ़ावा देने के लिए सेवाओं में वृद्धि की भी आवश्यकता है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रस अधनम घेब्रेयेसस ने कहा, ‘‘मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव लाना सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है।’’

साल 2020 से, देशों ने मानसिक स्वास्थ्य नीतियों और नियोजन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *