बीजिंग, रूस के रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगु ने सोमवार को कहा कि अमेरिका अपना ‘‘आधिपत्य’’ बनाए रखने के लिए भूराजनीतिक तनावों को हवा दे रहा है । साथ ही उन्होंने प्रमुख देशों के बीच टकराव के खतरे को लेकर आगाह किया।
बीजिंग में रक्षा मंच ‘शियांगशन फोरम’ को संबोधित करते हुए शोइगु ने यह भी कहा कि अमेरिका और उसके एशिया-प्रशांत सहयोगी क्षेत्र में स्थिरता को कमजोर कर रहे हैं। यह सैन्य कूटनीति पर केंद्रित चीन का सबसे बड़ा वार्षिक कार्यक्रम है।
शोइगु ने कहा, ‘‘अपना भूराजनीतिक और रणनीतिक प्रभुत्व बरकरार रखने के लिए अमेरिका अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता के आधार को जानबूझकर कमजोर कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के ‘‘पूर्व की ओर विस्तार’’ से रूस को धमका रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिमी देशों का उद्देश्य रूस के साथ संघर्ष बढ़ाना और प्रमुख देशों के टकराव के जोखिम को बढ़ाना है। इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे।’’
यूक्रेन में रूस के युद्ध के बारे में शोइगु ने कहा कि ‘‘अगर स्थिति उचित’’ रहती है तो मॉस्को बातचीत करने के लिए तैयार है।
चीन के दूसरे नंबर के सैन्य अधिकारी और केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष झांग युक्शिया ने जनरल ली शांगफु की अनुपस्थिति में इस तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत की। शांगफु को पिछले सप्ताह चीन के रक्षा मंत्री पद से हटा दिया गया था। वह दो महीने से सार्वजनिक रूप से दूर हैं। चीन सरकार ने शांगफु को हटाने की वजह नहीं बतायी है।
कई देशों के सैन्य प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। चीन इसे अन्य देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने और क्षेत्रीय नेतृत्व को प्रदर्शित करने के अवसर के रूप में देखता है।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीन से जुड़े मामलों के लिए रक्षा विभाग के मुख्य अधिकारी शांथी कैरेस ने किया।
झांग ने कहा कि चीन ‘‘परस्पर सम्मान, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और सहयोग के आधार पर अमेरिका के साथ सैन्य संबंध बनाने का इच्छुक’’ है।
चीन ने अमेरिकी संसद की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर नाखुशी जताते हुए अगस्त 2022 में अमेरिका के साथ सैन्य संचार निलंबित कर दिया था।
अमेरिका का नाम लिए बगैर झांग ने ‘‘उन देशों’’ की आलोचना की ‘‘जो दुनियाभर में समस्याएं पैदा करते रहते हैं।’’
उन्होंने ‘‘यूक्रेन संकट पर राजनीतिक समझौते’’ और ‘‘इजराइल-फलस्तीन संघर्ष में सभी पक्षों द्वारा हिंसा रोकने और तुरंत संघर्षविराम’’ का आह्वान किया।