वाशिंगटन, भारत और अमेरिका के बीच संबंध पिछले तीन दशक में बहुत असहज स्तर से विश्व में सर्वाधिक महत्वपूर्ण साझेदारी के मुकाम पर पहुंच गया है। एक प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी पत्रकार और लेखिका ने यह कहा है।
लेखिका सीमा सिरोही ने शनिवार को अपनी नयी पुस्तक “फ्रेंड्स एंड बेनिफिट्स: द इंडिया-यूएस स्टोरी” पर प्रतिष्ठित हडसन इंस्टीट्यूट विचार समूह द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, “भारत के लिए कोई भी अन्य संबंध बुनियादी तौर पर इतना नहीं बदला है, जितना कि अमेरिका के साथ बदला है।”
पिछले तीन दशकों में विकसित हुए द्विपक्षीय संबंधों का उल्लेख करते हुए, सिरोही ने कहा कि राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान भी दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार होता रहा।
उन्होंने कहा, “ट्रम्प ने जब भी भारत के लिए कुछ अपमानजनक या आपत्तिजनक कहा, तब यूरोपीय लोगों के उलट भारतीय विदेश कार्यालय को हर बार उनकी (ट्रम्प की) आलोचना करने की जरूरत महसूस नहीं हुई।”
सिरोही ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अमेरिकी और भारतीय राजनयिकों को इसका श्रेय जाता है। वे बस पर्दे के पीछे काम करते रहे। अमेरिका द्वारा सशस्त्र ड्रोन बेचने का निर्णय, हिंद-प्रशांत नीति की शुरुआत और क्वाड समूह को मजबूत करने जैसी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं दोनों देशों ने की।
लेखिका ने कहा कि राष्ट्रपति (जो) बाइडन ने भी इन सभी नीतियों को आगे बढ़ाया है।