ऑफिस में काम करने वाले लोगों का कुछ समय बाद वजन बढ़ना प्रारंभ हो जाता है क्योंकि उनकी मूवमेंट बहुत कम हो जाती है। सरकारी दफ्तरों में काम कम होता है। लोग समय बिताने के लिए कुछ न कुछ खाते पीते रहते हैं,
प्राइवेट दफ्तरों में काम की अधिकता होती है इसलिए कुर्सी पर अधिक देर सटे रहना पड़ता है। दोनों ही कारण वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। अगर आप समय रहते सावधान हो जायेंगे तो आप अपने बढ़ते वजन पर काबू पा सकेंगे।
अगर आपका आफिस पहली, दूसरी या तीसरी मंजिल पर हैं तो इसके लिए लिफ्ट का प्रयोग न कर सीढ़ियों का प्रयोग करें। अगर मल्टीस्टोरी बिलि्ंडग है तब भी आप कुछ मंजिल सीढ़ी से चढ़ कर जाएं। फिर लिफ्ट लें।
ऑफिस जाते समय लंच घर से ही बनवा कर ले जाएं जो कम तेल का होना चाहिए। अगर आपने घर का लंचबॉक्स लाना छोड़ दिया है और ऑफिस कैंटीन का खाना खा रहे हैं तो इसमें जल्दी बदलाव लाएं। आप अकेले शहर में हैं तो पीजी बनना प्रिफर करें ताकि घर का बना भोजन मिल सके।
कैंटीन से आप चाय या कॉफी लेकर पीते हैं तो इसके साथ बिस्कुट, केक, चिप्स आदि न खाएं। घर से भुने चने, कुछ भुना नमकीन या स्प्राउट्स आदि लेकर जाएं जिससे चाय या कॉफी के साथ अतिरिक्त कैलोरी शरीर में न जाने पाये।
अगर ऑफिस में कुछ व्यायाम करने की सुविधा हो तो उसका इस्तेमाल अवश्य करें। यदि आस-पास कोई फिटनेस सेंटर हो तो प्रातः जल्दी ऑफिस पहुंचकर व्यायाम के लिए जाएं या आफिस टाइम के बाद जिम ज्वाइन करें।
लंच टाइम में खाना खाने के बाद कंप्यूटर पर गेम न खेलें, न ही मित्रों के साथ गप्पें मारें। हो सके तो बाहर थोड़ा टहल आएं।
हाई कैलोरी खाने का सेवन कम से कम करें। जिस दिन हाई कैलोरी खाना खाना पड़े, उस दिन अगले वक्त के खाने में उसे बराबर करने का प्रयास करें जैसे दूध के साथ फल लेकर, सब्जियों के सूप के साथ केवल दो ब्राउन ब्रेड के स्लाइस गर्म कर खाएं।
पानी पीना है तो स्वयं वॉटर फिल्टर के पास जाकर पानी लेकर आएं। वैसे एक गिलास पानी भर कर टेबल पर रख लें ताकि थोड़ी-थोड़ी देर में घूंट-घूट पानी पीते रहें। ऐसा करने से भूख थोड़ी कम लगती है या भूख की तरफ ध्यान कम जाता है।
अगर कलीग दूसरे फ्लोर पर है और आपको बात करनी है तो मोबाइल फोन या एक्सटेंशन फोन का प्रयोग न कर स्वयं उसके पास जाएं जिससे मूवमेंट बना रहे।
अपनी कुर्सी पर बैठे बैठे कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं जिससे शरीर में चुस्ती फुर्ती बनी रहे। आंखों, गर्दन और पैर की सूक्ष्म क्रियाएं करते रहें ताकि शरीर सक्रिय बना रहे।