नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने तेलंगाना सरकार के उस अधिवास नियम को सोमवार को बरकरार रखा, जिसके तहत 12वीं कक्षा तक पिछले लगातार चार वर्ष से राज्य में पढ़ाई कर रहे छात्रों को राज्य कोटे के तहत मेडिकल एवं डेंटल कॉलेज में प्रवेश की अनुमति दी गयी है।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने राज्य सरकार की अपील स्वीकार कर ली और तेलंगाना मेडिकल एवं डेंटल कॉलेज प्रवेश (एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश) नियम, 2017 को बरकरार रखा जिसे 2024 में संशोधित किया गया है।
तेलंगाना सरकार ने ‘तेलंगाना मेडिकल एवं डेंटल कॉलेज प्रवेश (एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश) नियम, 2017 को 2024 में संशोधित करते हुए यह प्रावधान जोड़ा था कि केवल वे छात्र जो कक्षा 12 तक पिछले लगातार चार वर्षों से राज्य में पढ़ाई कर रहे हों, उन्हें ही राज्य के कोटे के तहत मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश मिलेगा।
बहरहाल, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने इस नियम को खारिज करते हुए कहा था कि राज्य के स्थायी निवासियों को केवल इसलिए मेडिकल कॉलेज में प्रवेश का लाभ नहीं देना गलत है कि वे कुछ समय तक राज्य से बाहर रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय ने पांच अगस्त को तेलंगाना सरकार की एक याचिका समेत उन याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था जिनमें इस दक्षिणी राज्य में मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर लागू अधिवास नियम को रद्द करने वाले आदेश को चुनौती दी गयी है।
राज्य का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और वकील श्रवण कुमार कर्णम ने किया।