धर्मस्थल मामले की एनआईए से जांच कराने की जरूरत नहीं, एसआईटी को दी गई है आजादी: सिद्धरमैया

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मैसुरु, 31 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को कहा कि धर्मस्थल में बीते दो दशक के दौरान दुष्कर्म एवं हत्या किए जाने और शवों को सामूहिक रूप से दफनाने से संबंधित दावों की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने की जरूरत नहीं है, और एसआईटी को मामले की तफ्तीश पूरी करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पूरी आजादी दी गयी है।

मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए यह भी कहा कि धर्मस्थल से संबंधित संदेह दूर करने और जांच के लिए ही विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।

वह विपक्षी जनता दल (सेक्युलर) और भाजपा की ओर से रविवार एवं सोमवार को धर्मस्थल में अलग-अलग रैलियां निकाले जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

सिद्धरमैया ने कहा, “वे (विपक्ष) हर चीज में राजनीति कर रहे हैं। अगर वे (धर्मस्थल) जाना चाहते हैं तो जाएं। धर्मस्थल के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े ने एसआईटी जांच का स्वागत किया है। सच्चाई सामने आनी ही चाहिए। सच्चाई सामने लाने के लिए ही एसआईटी का गठन किया गया है। सच्चाई सामने आनी चाहिए; अन्यथा, संदेह की तलवार लटकती रहेगी।”

उन्होंने कहा, “शिकायतकर्ता मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुआ और बयान दर्ज कराया। विभिन्न संगठनों की ओर से एसआईटी गठित करने की मांग की गई थी। सरकार चाहती है कि सच्चाई सामने आए।”

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने भी एसआईटी जांच का स्वागत किया था, अब वे वोट के लिए राजनीति कर रहे हैं।’’

विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिकायतकर्ता ने दावा किया कि पिछले दो दशकों के दौरान धर्मस्थल में कई शवों को दफनाया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार इनमें उन महिलाओं के शव भी शामिल थे, जिनका कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था। हालांकि बाद में सी एन चिनैय्या के तौर पर पहचाने गए व्यक्ति को झूठी बयानबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।