ओडिशा के किसान वैश्विक बाजारों में मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे : प्रधान

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संबलपुर, 31 अगस्त (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं संबलपुर से लोकसभा सदस्य धर्मेंद्र प्रधान का मानना ​​है कि नीलडुंगरी गांव में उगाए जाने वाले गेंदे के फूलों के लंदन के बाजारों तक पहुंचने से लेकर स्थानीय आमों का यूरोप में निर्यात होने तक, ओडिशा के किसान अब प्रौद्योगिकी और शिक्षा के माध्यम से वैश्विक बाजारों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

प्रधान ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में नुआखाई उत्सव के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए फसल उत्सव की सामुदायिक भावना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के जमीनी, लेकिन भविष्यवादी शिक्षा के दृष्टिकोण के बीच समानताओं का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, ‘‘फसल कटने के बाद, हम पहला अनाज (धान) मां समलेश्वरी और भगवान जगन्नाथ को अर्पित करते हैं। पितृत्व, स्नेह और आध्यात्मिकता का यह उत्सव उस सुदृढ़ता का प्रतिनिधित्व करता है, जिसकी परिकल्पना एनईपी 2020 में की गई है।’’

मंत्री ने हाल ही में जारी वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर), स्कूल मूल्यांकन और पीएआरएसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए ओडिशा में बेहतर शिक्षण परिणामों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, ‘‘एनईपी का प्रभाव समाज पर दिखने लगा है। संस्कृति और शिक्षा परस्पर जुड़े हुए हैं और देश के इस सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हिस्से में नये शिक्षण परिणाम देखने को मिल रहे हैं।’’

प्रधान ने कहा कि संबलपुर विश्वविद्यालय अब संबलपुरी भाषा, गीत, नृत्य, साहित्य और लोक कलाओं को पाठ्यक्रम में शामिल कर रहा है तथा प्रतिष्ठित ‘रंगबती’ एक सांस्कृतिक सेतु का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी और ग्रामीण छात्रों पर केंद्रित इस कार्यक्रम में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और समुदाय-आधारित शिक्षा पर जोर दिया गया है।

प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की ‘10 दिन बस्ता रहित स्कूल’ पहल के तहत, छात्र उद्योगों, बाजारों का दौरा करते हैं और अनुभवात्मक शिक्षा के लिए सामुदायिक नेताओं के साथ बातचीत करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सामाजिक जुड़ाव ही एनईपी 2020 की सिफारिश है और यह क्षेत्र इसका लाभ उठा रहा है तथा इसका पालन कर रहा है।’’

आईआईएम संबलपुर एक परिवर्तन उत्प्रेरक के रूप में उभरा है, जो सिंगापुर के सरकारी फिनटेक नेटवर्क (जीएफटीएन) और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के साथ साझेदारी करते हुए ग्रामीण छात्रों को प्रशिक्षण दे रहा है।

प्रधान ने कहा, ‘‘यह त्रिपक्षीय समझौता अगले पांच वर्षों में 7,000 छात्रों को कौशल प्रदान करेगा और उन्हें फिनटेक कंपनियों में काम देगा।’’

उन्होंने कहा कि संबलपुर एक शिक्षा केंद्र के रूप में उभरा है, जहां आईआईएम, उन्नत वीर सुरेंद्र साई प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय, संबलपुर विश्वविद्यालय, ओडिशा ओपन विश्वविद्यालय और एक कृषि विश्वविद्यालय स्थित हैं।

प्रधान ने स्वीकार किया कि कोरापुट और कालाहांडी जैसे जिलों में 50 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण महिलाएं कभी स्कूल नहीं गईं और 20 फीसदी से भी कम महिलाएं 10 साल की शिक्षा पूरी कर पाती हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र की कक्षा आठ तक के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना के अलावा, ओडिशा सरकार ने मध्याह्न भोजन को कक्षा 10 तक बढ़ाया है और छात्रों के लिए मुफ्त बस सेवा की योजना बनाई है।

प्रधान ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला साथी और छात्र प्रोत्साहन योजना जैसी छात्रवृत्तियां आदिवासी, अनुसूचित जाति और महिला छात्रों के लिए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय से कुशासन के कारण ओडिशा के बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। हम कुपोषण को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’