मनीला, दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन के तटरक्षक पोत को चीनी तटरक्षक बल के जहाज द्वारा टक्कर मारे जाने की घटना के एक दिन बाद सोमवार को अमेरिका ने कहा कि वह 1951 की संधि के तहत सशस्त्र हमले की स्थिति में अपने सहयोगी फिलीपीन की रक्षा करेगा।
फिलीपीन ने सोमवार को चीनी दूतावास के एक अधिकारी को तलब कर इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
अधिकारियों ने बताया कि ‘सेकंड थॉमस शोल’ के पास हुई इन घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ है। इस घटना में फिलीपीनी तटरक्षक बल का एक जहाज और एक नौका क्षतिग्रस्त हुई।
तटरक्षक कोमोडोर जे तारिएला ने कहा कि लगभग पांच चीनी तट रक्षक जहाजों, आठ अन्य जहाजों और नौसेना के दो जहाजों ने फिलीपीन के दो तट रक्षक जहाजों और दो नौकाओं को फिलीपीन की नौसेना के एक फंसे हुए जहाज को ‘सेकंड थॉमस शोल’ पर तैनात फिलीपीनी बलों को भोजन और अन्य आपूर्ति पहुंचाने से रोकने के लिए रविवार को नाकाबंदी की।
गतिरोध के दौरान, फिलीपीनी तट रक्षक जहाजों में से एक और एक आपूर्ति नौका को एक चीनी तट रक्षक जहाज और एक अन्य जहाज ने अलग-अलग टक्कर मार दी थी।
तारिएला ने कहा कि दो फिलीपीनी नौकाओं में से केवल एक ही फिलीपीनी बलों को आपूर्ति पहुंचाने में कामयाब रही।
राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने विवादित जल क्षेत्र में हुई इस घटना पर चर्चा करने के लिए रक्षा मंत्री और अन्य शीर्ष सैन्य व सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक आपातकालीन बैठक की।
बैठक के बाद फिलीपीन के रक्षा मंत्री गिल्बर्टो टियोडोरो ने प्रेसवार्ता में चीन पर हमला बोला।
उन्होंने कहा, ‘‘फिलीपीन सरकार चीनी आक्रामकता की हालिया घटना को अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन मानती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चीन के पास हमारे जल क्षेत्र और हमारे विशेष आर्थिक क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।’’
मार्कोस ने इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं, लेकिन टियोडोरो ने इस बात का खुलासा करने से इंकार कर दिया कि फिलीपीन की सरकार क्या कदम उठाएगी।
इस बीच, फिलीपीन के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने जिस वरिष्ठ चीनी राजनयिक को तलब किया था, उसने चीन के दावे को दोहराया कि फिलीपीनी जहाजों ने चीन के क्षेत्र में घुसपैठ की थी।
मनीला में चीनी दूतावास के मुताबिक झाउ झियोंग ने कहा, ‘‘चीन एक बार फिर फिलीपीन से आग्रह करता है कि वह चीन की गंभीर चिंताओं को गंभीरता से ले, अपने वादे का सम्मान करे, समुद्र में उकसावे की कार्रवाई बंद करे, खतरनाक कदम उठाना बंद करे, चीन पर निराधार हमला और उसे बदनाम करना बंद करे और जितनी जल्दी हो सके अवैध रूप से वहां लंगर डाले हुए युद्धपोत को हटा ले।’’