नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मेटा के साथ एक संयुक्त उद्यम की शुक्रवार को घोषणा की।
इस संयुक्त उद्यम में करीब 855 करोड़ रुपये यानी करीब 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया जाएगा। यह निवेश कंपनियों के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने और उसका विस्तार करने के लिए किया जाएगा।
आरआईएल ने एआई से लैस डेटा केंद्रों की स्थापना के लिए गूगल के साथ साझेदारी की भी घोषणा की, जो गूगल से कंप्यूटिंग शक्ति का उपयोग करेंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज ऊर्जा सहायता देगी जबकि संपर्क सुविधा (कनेक्टिविटी) रिलायंस जियो प्रदान करेगी।
इसके तहत रिलायंस, जामनगर में अत्याधुनिक क्लाउड सुविधा और संबंधित नेटवर्क बुनियादी ढांचे का डिजाइन, निर्माण और संचालन करेगा। तो वहीं गूगल क्लाउड अपने शक्तिशाली एआई हाइपरकंप्यूटर और एआई प्रौद्योगिकी ढांचे को लगाएगा। यह जनरेटिव यानी सृजन से जुड़े एआई मॉडल, डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म और एआई-संचालित एप्लिकेशन देगा।
मेटा के साथ साझेदारी पर आरआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि संयुक्त उद्यम ओपन-सोर्स एआई की शक्ति को विभिन्न उद्योगों में रिलायंस के गहन ‘डोमेन’ ज्ञान के साथ जोड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेटा के साथ साझेदारी, हर भारतीय एवं उद्यम को एआई प्रदान करने के हमारे दृष्टिकोण को साकार करती है। मेटा के सबसे व्यापक रूप से अपनाए गए ओपन-सोर्स लामा मॉडल को विभिन्न उद्योगों में हमारी गहन विशेषज्ञता के साथ जोड़कर, हम भारत के प्रत्येक संगठन के लिए एंटरप्राइज-ग्रेड एआई का लोकतंत्रीकरण करेंगे। इससे वे तेजी से नवोन्मेष कर सकेंगे, अधिक कुशलता से काम कर सकेंगे और वैश्विक स्तर पर आत्मविश्वास से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।’’
यह संयुक्त उद्यम, उद्यमों को एआई प्लेटफॉर्म-एज-ए-सर्विस प्रदान करने के लिए मेटा के ओपन-सोर्स लामा मॉडल का लाभ उठाएगा।
आरआईएल ने बयान में कहा कि इस संयुक्त उद्यम में रिलायंस की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत और मेटा की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत रहेगी। दोनों कंपनियां समान अनुपात में 855 करोड़ रुपये का शुरूआती निवेश करेंगी। लेन-देन नियामकीय अनुमोदनों पर निर्भर है और इसके 2025 की चौथी तिमाही में पूरा होने की उम्मीद है।
मेटा के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्क जकरबर्ग ने कहा, ‘‘ मेटा और रिलायंस भारतीय कंपनियों को अपने ओपन-सोर्स एआई मॉडल प्रदान करेंगे ताकि उन्हें अपने काम को गति देने में मदद मिल सके। लामा के साथ हमने देखा है कि कैसे एआई, मानव क्षमता को बढ़ा सकता है, उत्पादकता बढ़ा सकता है, रचनात्मकता को प्रेरित कर सकता है और नवाचार को गति दे सकता है। अब रिलायंस की पहुंच एवं व्यापकता के साथ हम इसे भारत के हर कोने तक पहुंचा सकते हैं।’’