नयी दिल्ली, अकासा एयर धीरे-धीरे पायलटों के अचानक नौकरी छोड़ने से पैदा हुई उथल-पुथल से बाहर आ रही है।
एयरलाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय दुबे ने यह जानकारी देते हुए कहा कि उनकी कंपनी एयरलाइनों के बीच सीमित आपसी भर्ती (नो-पोचिंग) समझौते के एकदम खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना सही नहीं होगा।
गौरतलब है कि अकासा एयर को उड़ान भरते हुए एक वर्ष से थोड़ा अधिक समय हुआ है। उसके पास 450 से अधिक पायलट हैं और विस्तार योजनाओं को देखते हुए यह संख्या बढ़ेगी।
दुबे ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘अप्रैल में हमारे पास लगभग 330 पायलट थे। इसके बाद लगभग 40 पायलट नोटिस अवधि को पूरा किए बिना चले गए। आज, हमारे पास 450 से कुछ अधिक पायलट हैं। अप्रैल से आज तक हमने करीब एक तिहाई अतिरिक्त पायलट जोड़े हैं।’
एयरलाइन ने संबंधित पायलटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू की है।
दुबे ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एयरलाइन उद्योग के स्तर पर कुछ भी करने की जरूरत है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि दिसंबर में कंपनी का नेटवर्क 10 प्रतिशत बढ़ेगा और फिर मार्च तक इसमें 33 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी होगी।