प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय उभरते पूर्वोत्तर निवेशक शिखर सम्मेलन का शुक्रवार को करेंगे उद्घाटन
Focus News 22 May 2025 0
नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय निवेशक शिखर सम्मेलन का शुक्रवार को उद्घाटन करेंगे। इसमें पूर्वोत्तर राज्यों में निवेश संभावनाओं और क्षेत्र तथा पड़ोसी देशों के ‘कैप्टिव’ बाजारों तक पहुंच के अवसरों को प्रदर्शित किया जाएगा।
‘कैप्टिव’ बाजार से तात्पर्य एक ऐसी बाजार स्थिति से है जहां उपभोक्ताओं के पास बहुत कम या कोई विकल्प नहीं होता है।
अधिकारियों ने बताया कि 23 और 24 मई को यहां आयोजित होने वाले ‘उभरते पूर्वोत्तर निवेशक शिखर सम्मेलन’ में पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, शीर्ष नौकरशाह, विदेशी राजनयिक और 2,000 से अधिक प्रतिनिधि, नीति-निर्माता, उद्योग जगत के लोग एवं निवेशक हिस्सा लेंगे।
वे कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, पर्यटन, मनोरंजन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और ऊर्जा जैसे नौ से अधिक प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर चर्चा में भाग लेंगे।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भविष्य में भारत के लिए सबसे बड़ी संभावना पूर्वोत्तर क्षेत्र में है।
सिंधिया ने कहा, ‘‘ इस कार्यक्रम में हमारी अद्भुत ‘अष्ट लक्ष्मी’ यानी हमारे आठ राज्यों को प्रदर्शित किया जाएगा, जो हमारे देश के परिवर्तनकारी विकास का केंद्र है।’’
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प, प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता यह सुनिश्चित करना है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भविष्य के विकास एवं भारत के भविष्य के मार्ग का केंद्र बने, क्योंकि देश 2047 तक ‘विकसित भारत’ के अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। सिंधिया ने कहा, ‘‘प्राकृतिक संसाधनों के भंडार और क्षेत्र की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के साथ पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विरासत ने इसे दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे शक्तिशाली प्रवेश द्वार में तब्दील कर दिया है।’’
मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्ष के प्रतिबद्ध निवेश, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा एवं शिक्षा को लेकर प्रधानमंत्री के संकल्प ने पूर्वोत्तर को न केवल भारत के वास्ते बल्कि दुनिया के लिए एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने की खातिर मंच तैयार किया है।
अधिकारियों ने बताया कि शिखर सम्मेलन में पूर्वोत्तर के भू-रणनीतिक लाभ, प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, कुशल कार्यबल तथा पड़ोसी देशों के बाजारों तक पहुंच को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह क्षेत्र व्यवसायों के लिए एक उभरता हुआ क्षेत्र है। यह शिखर सम्मेलन गठबंधनों, साझेदारियों को बनाने तथा व्यवसायों के विस्तार, नए निवेश करने, हरित क्षेत्र विनिर्माण परियोजनाएं स्थापित करने एवं संबंधित गतिविधियों के लिए उपलब्ध अवसरों की स्पष्ट दृष्टि प्राप्त करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय की शिखर सम्मेलन पूर्व गतिविधियों में पूर्वोत्तर के सभी राज्यों से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं। शिखर सम्मेलन से पहले 15 अप्रैल को विदेश मंत्रालय के सहयोग से यहां राजदूतों की बैठक आयोजित की गई थी, ताकि पूर्वोत्तर क्षेत्र के बारे में विदेशी निवेशकों को जानकारी दी जा सके।
इस कार्यक्रम में 75 से अधिक देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों ने हिस्सा लिया।
अधिकारियों ने बताया कि कई उद्योग घरानों एवं निवेशकों ने पहले ही अच्छे-खासे में निवेश में रुचि दिखाई है, जबकि एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापनों और आशय पत्रों पर भी हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।